भोपाल में आवारा कुत्तों पर सख्त नकेल, निगमकर्मियों को रोज़ाना मिलेगा टारगेट; अब पकड़ने होंगे 20 से 22 कुत्ते

भोपाल में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को रोकने के लिए नगर निगम ने सख्त कदम उठाया है। अब कुत्ते पकड़ने वाली टीमों को रोज़ाना का टारगेट मिलेगा। पहले जहां एक टीम 10 से 15 कुत्ते ही पकड़ पाती थी, वहीं अब हर टीम को 20 से 22 कुत्ते पकड़ने होंगे। इसके साथ ही हर साल कम से कम 30 हजार कुत्तों का टीकाकरण करने का लक्ष्य तय किया गया है। निगम का दावा है कि इस अभियान से न केवल कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण मिलेगा बल्कि रेबीज जैसी घातक बीमारी पर भी रोक लगाई जा सकेगी।

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    भोपाल, राष्ट्रबाण। राजधानी भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। आए दिन बच्चों और बुजुर्गों पर हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि नगर निगम को अब खास अभियान छेड़ना पड़ा है। इस बार निगम ने पारंपरिक तरीके से हटकर टीमों को रोज़ाना का टारगेट देने का फैसला किया है। अब हर टीम को रोज़ाना 20 से 22 कुत्तों को पकड़ना होगा। अभी तक एक टीम प्रतिदिन औसतन 10 से 15 कुत्ते ही पकड़ पाती थी। यह अभियान राजधानी में पहली बार लक्ष्य आधारित तरीके से चलाया जाएगा। निगम का कहना है कि सालाना कम से कम 30,000 कुत्तों का वैक्सीनेशन करना अनिवार्य होगा।

    पहली बार मिला रोज़ाना का टारगेट

    भोपाल नगर निगम ने शहर में बढ़ती कुत्तों की समस्या को गंभीर मानते हुए पहली बार उन्हें नियंत्रित करने की योजना बनाई है। निगम ने तय किया है कि टीमें अब लक्ष्य के साथ काम करेंगी। प्रतिदिन 20 से 22 कुत्तों को पकड़कर उन्हें वैक्सीनेट किया जाएगा। इसका उद्देश्य सिर्फ आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करना ही नहीं, बल्कि उन्हें रेबीज जैसी घातक बीमारी से बचाना भी है। अभी निगमकर्मी औसतन 10-15 कुत्ते ही पकड़ पाते थे, लेकिन नई व्यवस्था में वाहन, अमला और तकनीकी संसाधन बढ़ाए जाएंगे ताकि लक्ष्य पूरा हो सके।

    हर साल 30 हजार कुत्तों के टीकाकरण का लक्ष्य

    निगम का बड़ा मकसद यह है कि भोपाल में सालाना कम से कम 30,000 कुत्तों का टीकाकरण किया जाए। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, जब तक बड़ी संख्या में कुत्तों का वैक्सीनेशन नहीं होगा, तब तक रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी पर नियंत्रण संभव नहीं है। इसलिए इस अभियान को बड़े पैमाने पर चलाने की तैयारी है।

    एमपी में लगातार बढ़ रहा आवारा कुत्तों का आतंक

    मध्यप्रदेश के कई शहरों में आवारा कुत्तों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। आए दिन इनके हमलों से लोग दहशत में हैं। हाल ही में अलीराजपुर जिले के आज़ाद नगर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। घर के बाहर खेल रही 2 साल की मासूम बच्ची पर कुत्ते ने अचानक हमला कर दिया। कुत्ता बच्ची को घसीटकर ले जाने लगा। परिजनों और आसपास के लोगों ने किसी तरह उसे बचाया, लेकिन बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। यही नहीं, पागल कुत्तों ने इलाके में दो और मासूमों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया। अब तक सिर्फ आज़ाद नगर में ही पागल कुत्ते तीन बच्चों को घायल कर चुके हैं।

    क्यों जरूरी है अभियान?

    भोपाल समेत पूरे प्रदेश में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खुले में कचरा, भोजन की उपलब्धता और बेतरतीब प्रजनन इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है। लोग सुबह-शाम सड़कों पर दौड़ते आवारा कुत्तों से परेशान हैं। बाइक सवारों और पैदल चलने वालों पर हमले आम हो गए हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर हमले की घटनाएं तो और भी खतरनाक होती हैं। ऐसे में निगम का यह अभियान राहत की उम्मीद जगाता है।

    निगम ने बढ़ाए संसाधन

    लक्ष्य आधारित अभियान को सफल बनाने के लिए नगर निगम ने अतिरिक्त वाहन, पिंजरे, पकड़ने वाले उपकरण और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह अभियान सख्ती से लागू किया गया तो शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण मिलेगा और रेबीज जैसी बीमारी पर रोक लग सकेगी।

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