मन की बात में सुमा उईके का नाम!, पीएम मोदी ने सुमा उईके के काम को सराहा

Rashtrabaan
Highlights
  • मशरूम उत्पादन से आय अर्जित कर रही हैं भजियापार की सुमा उईके

बालाघाट, राष्ट्रबाण। प्रधानमंत्री से नरेंद्र मोदी ने 29 जून को मन की बात कार्यक्रम में बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड के ग्राम भजियापार की सुमा दीदी के काम की सराहना की है। सुमा उईके आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह का संचालन करती हैं और मशरूम उत्पादन का कार्य करती हैं।

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम भजियापार की सुमा उइके जो कि आदिवासी बाहुल्य ग्राम में रहने वाली अपने परंपरागत रीतिरिवाज में जीवन यापन करती थीं और अपने घर गृहस्थी के कार्यों में रहा करती थीं। सुमा उइके ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है । इस कारण से अपने ग्राम और घर के कार्यों में अपना समय व्यतीत करती थीं। किन्तु पिछड़े ग्राम में होने के कारण उन्हें परिवार के सदस्यों द्वारा घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता था। ऐसे में उन्हें आजीविका मिशन के कर्मियों द्वारा स्व-सहायता समूह के बारे में ग्राम में जानकारी दी गई। सुमा दीदी ने अपने आस-पास के परिवारों की महिलाओं को एकत्रित कर आदिवासी आजीविका विकास स्व-सहायता समूह बनाया जिसमे वह अध्यक्ष भी बनी। समूह संचालन के साथ बचत जमा करने पर उन्हें राशि की बचत करने का एक रास्ता नजर आया।

मशरूम उत्पादन से आय अर्जित कर रही हैं भजियापार की सुमा उईके.

आजीविका मिशन के ग्राम नोडल द्वारा समूहो की बैठक में समूह से जुडी महिलाओं को मिलने वाले लाभों के बारे में बताया। जैसे कृषि एवं पशु पालन का प्रशिक्षण, व्यवसायिक प्रशिक्षण, नए व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए लोन की जानकारी आदि। सुमा दीदी ने आर-सेटी (फरएएळक ) से आर्गेनिक मशरूप उत्पादन का प्रशिक्षण लिया एवं साथ ही सीटीसी में पशुपालन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। सुमा दीदी समूह से जुड़े होने के कारण आजीविका मिशन से अवसर की तलाश मे थी और प्रशिक्षण मिलने पर सर्वप्रथम रिवाल्विंग फंड की राशि 2000 लोन पर लेकर अपने ही घर पर आयस्टर मशरूम की खेती वर्ष 2021 मे प्रारंभ किया। जिसे उन्होंने एक वर्ष तक लगातार किया और अपने ग्राम स्तर पर एक आजीविका का साधन बनाया । नियती को कुछ और ही मंजूर था। लॉकडाउन लगने पर मशरूम की बिक्री कम होने पर यह खेती बंद करना पड़ा। किन्तु आगे उन्हे अपना किसी भी प्रकार का कार्य प्रांरभ करने की लगन थी। सुमादीदी को उनके भाग्य ने एक बार और मौका दिया। उन्हें जनपद पंचायत कटंगी परिसर में दीदी कैंटीन संचालन करने का अवसर मिला। जिसे उन्होने वर्ष 2022 के मध्य में प्रारंभ किया। कैंटीन संचालन करते हुए सुमा दीदी ने अपने परिवार की आजीविका को बढ़ाने में फिर एक बार सफलता हासिल की। कैंटिन से प्रतिमाह सुमा दीदी को लगभग 8000 रुपये की आय होने लगी। कैटिन में कार्य को देखते हुए उसने अपने समूह की ही एक सदस्य को रोजगार दिया। जिससे उस सदस्य को भी प्रतिमाह 3000 का रोजगार प्राप्त हुआ।

सुमा दीदी आशावादी व आत्मविश्वासी होने के कारण उन्हें कुछ बड़ा करने का सपना हमेशा प्रेरित करता रहता था। अब सुमा उइके अपने परिवार के लिए निरंतर आजीविका गतिविधि को प्रारंभ करना चाहती थीं। अपनी जिज्ञासा के कारण उसे थर्मल थैरेपी के बारे में पता चला और उसने थर्मल थैरेपी सेंटर प्रारंभ करने का ठान लिया। इस कार्य को करने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता थी। आजीविका मिशन से जुड़े होने के कारण उन्हें बैंक से मुद्रा लोन व्यक्तिगत प्राप्त होने की जानकारी मिली। सुमा दीदी के समूह का बचत खाता जिस बैंक में संचालित था उसी बैंक समूह का लेन-देन अच्छा होने पर 06 लाख रुपए का मुद्रा लोन स्वीकृत किया गया था। जिससे सुमा उइके ने थर्मल थेरिपी का पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त कर विकासखण्ड कटंगी में आजीविका थर्मल थेरिपी सेंटर का प्रारंभ किया। जिससे उसे प्रतिमाह 11 हजार रुपये की आमदनी होने लगी। थर्मल थेरिपी में काम की अधिकता होने पर एक बेरोजगार प्रशिक्षित युवती को भी रोजगार उपलब्ध करवाया। सुमा बताती हैं कि मिशन से जुड़कर मुझे अपनी आजीविका में वृदिध करने का अवसर प्राप्त हुआ और मिशन से जुड़कर वह बहुत खुश है। सुमा उइके ने पिछड़े ग्राम में रहकर व परिवार के साथ एक नया मुकाम हासिल किया है जो अन्य समूह की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई। सुमा उईके की इन दोनो गतिविधियों से जुड़ने से आय लगभग 19 हजार रुपए मासिक हो गई है। साथ ही उसके परिवार की आय में भी वृद्धि हुई जो बढ़कर 32 हजार रुपए मासिक हो गई है। इस प्रकार सुमा के द्वारा मिशन के कार्यों में सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।

error: Content is protected !!