नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पराली जलाने वाले किसानों पर नकेल कसते हुए कहा कि ऐसे किसानों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता? मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सुझाव दिया कि कुछ किसानों को जेल भेजने से बाकियों को सबक मिलेगा। साथ ही, कोर्ट ने पराली जलाने वालों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ देने पर रोक लगाने की बात कही, ताकि कानून तोड़ने की प्रवृत्ति रुके।
राज्यों को फटकार, PCB की खामियां उजागर
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को जमकर लताड़ा। कोर्ट ने पूछा कि अगर पर्यावरण की रक्षा का इरादा है, तो ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) में खाली पदों पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने इन्हें “दंतहीन” करार दिया। बेंच ने आदेश दिया कि तीन महीने में सभी खाली पद भरे जाएं। साथ ही, मुख्यमंत्रियों को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर प्रदूषण रोकने की समयबद्ध योजना पेश करने को कहा गया।
MSP पर रोक का सुझाव
कोर्ट ने साफ कहा कि केवल जुर्माना लगाना काफी नहीं है। पराली जलाने वाले किसानों को आर्थिक दंड देना जरूरी है। बेंच ने सुझाव दिया कि जो किसान पराली जलाते पकड़े जाएं, उन्हें MSP का लाभ न दिया जाए। कोर्ट ने कहा, “कानून तोड़ने वालों को आर्थिक लाभ क्यों मिले?” यह कदम पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए “गाजर और छड़ी” की नीति का हिस्सा है। कोर्ट ने पंजाब से पूछा कि मशीनों के लिए डीजल और श्रम लागत को क्यों नहीं वहन किया जाता, जैसा हरियाणा में हो रहा है।
किसानों को खलनायक न बनाएं
कोर्ट ने किसानों के पक्ष को भी ध्यान में रखा। बेंच ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं, उन्हें खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सरकारों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें और संसाधन मुफ्त उपलब्ध कराने चाहिए। कोर्ट ने सुझाव दिया कि गरीब किसानों को 100% सब्सिडी दी जाए। साथ ही, धान की खेती को हतोत्साहित कर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत बताई, क्योंकि धान से पानी का स्तर घट रहा है।
सख्ती के साथ सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों से सर्दियों से पहले वायु प्रदूषण रोकने की योजना मांगी। तीन हफ्ते में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से अब तक कई आदेश जारी हुए, लेकिन पराली जलाने की समस्या बरकरार है। कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से राजनीति से ऊपर उठकर समाधान निकालने को कहा।
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