छेड़छाड़ के आरोपी ने खेला जाति-कार्ड ; कहा-‘मुझे यादव होने की सजा दी जा रही है’

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  • गोमती नगर में लड़की छेड़ने के आरोपी पवन यादव ने की अखिलेश से मुलाकात

लखनऊ (Lucknow), राष्ट्रबाण। लखनऊ के गोमती नगर में हाल में बारिश के दौरान पानी से भरी सड़क से गुजर रही एक महिला से छेड़छाड़ के मामले के आरोपी पवन यादव ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की और खुद को बेकुसूर बताया। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में पवन यादव ने आरोप लगाया कि वह मौके पर मौजूद नहीं था, वह (कहीं और) बैठकर चाय पी रहा था, तभी पुलिस उसे पकड़ ले गई। उसने दावा किया कि वह घटना के वीडियो फुटेज में भी नहीं दिखाई दे रहा है। उसने आरोप लगाया कि शायद उसे यादव बिरादरी का होने की वजह से मामले में फंसाया गया।

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अखिलेश ने बेकसूर बताया

पवन यादव (Pawan Yadav) ने कहा कि गेहूं में घुन तो पिसता ही है उसमें मैं भी आ गया। शायद इसलिए क्योंकि मैं यादव था। इस सवाल पर कि सपा अध्यक्ष ने मुलाकात के दौरान उससे क्या कहा, पवन यादव ने कहा कि भैया ने कहा कि कुछ नहीं होगा। अखिलेश यादव ने इसके पहले स्वाधीनता दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में पवन यादव का नाम लिए बगैर कहा कि जब वे लड़के पकड़े गये तो (उत्तर प्रदेश) (Uttar Pradesh) विधानसभा (Assembly) में उनका नाम लिया गया। वह लड़का (पवन यादव) यहां पर आया हुआ है। यह बेचारा चाय पी रहा था। पुलिस वालों ने इसे पकड़ लिया।

दिया भरोसा-कुछ नहीं होगा

जब जांच होगी तो यह छूट जाएगा। कोई बात नहीं है। लेकिन जिन अधिकारियों ने अपना रुतबा बनाने के लिये और सरकार की छवि को ठीक करने के लिये इन्हें थाने में हाथ जोड़वाकर तस्वीर छापी है, उनसे मैं भी कहूंगा कि मत भूलना, हम भी नहीं भूलेंगे। उन्होंने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा इस घटना को लेकर पवन यादव का नाम लिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि नाम तो और भी पढ़े जाने चाहिये थे। और नाम उन्होंने क्यों नहीं पढ़े।

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योगी ने लिया है एक्शन

हम आपको याद दिला दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गत 31 जुलाई को बारिश के दौरान अराजक तत्वों द्वारा मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर सड़क पर भरा पानी उछालने और महिला को खींचकर गिराने के मामले का जिक्र करते हुए एक अगस्त को विधानसभा में 16 आरोपियों में से पवन यादव (Pawan Yadav) और मोहम्मद अरबाज (Mohammad Arbaaz) का नाम लिया था। मुख्यमंत्री ने तल्ख अंदाज में कहा था कि इस घटना के अपराधियों के लिये ‘सद्भावना ट्रेन’ नहीं, बल्कि ‘बुलेट ट्रेन’ चलेगी।

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पुलिस पर भी गिरी थी गाज

हम आपको यह भी याद दिला दें कि इस मामले में आदित्यनाथ के आदेश पर चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किये जाने के साथ-साथ संबंधित पुलिस उपायुक्त समेत तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पद से हटा दिया गया था। इस मामले में 16 आरोपी गिरफ्तार किये गये थे। योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रबल प्रताप सिंह, सहायक पुलिस उपायुक्त अमित कुमावत (Amit Kumawat) और गोमतीनगर (Gomti Nagar) के सहायक पुलिस आयुक्त अंशु जैन (Anshu Jain) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया था, जबकि गोमतीनगर के थानाध्यक्ष दीपक कुमार पांडेय (Deepak Kumar Pandey), समतामूलक चौकी के प्रभारी ऋषि विवेक (Sage Vivek), दारोगा कपिल कुमार (Kapil Kumar), सिपाही धर्मवीर और सिपाही वीरेंद्र कुमार (Virendra Kumar) समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

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