सिवनी, राष्ट्रबाण। कहने को तो पुलिस आधुनिक संसाधनों से लेस है लेकिन वह अपनी चुस्ती और दुरुस्ती को लेकर हमेशा सवालों के कठघरे में नजर आती है। वैसे तो सिवनी पुलिस के रिकार्ड में नजर डाले तो अनसुलझे केसो की लंबी फेहरिस्त मिल जाएगी। लेकिन जब बात विभाग के ही जाबाज प्रधान आरक्षक राकेश ठाकुर के हत्यारे की गिरफ्तारी पर सवाल करें तो शायद पुलिस बगले झांकती नजर आये।
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18 जनवरी की रात्रि को सिवनी जिले में चोर गिरोह को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग की गई थी। इस घटना में गोली लगने से प्रधान आरक्षक राकेश ठाकुर पर गोली से हमला किया गया, जिसमे वह घायल हो गया थे और उपचार के दौरान नागपुर में प्रधान आरक्षक की मौत हो गयी थी। फायर करने वाला आरोपी तब से आज तक पुलिस गिरफ्त से दूर है। हालांकि पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
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छः माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली
चोर गिरोह को पकड़ने गई पुलिस टीम ने भले ही तीन आरोपियों को पकने में सफलता हासिल कर ली थी। लेकिन यह सिवनी जिले की कानून व्यवस्था को शर्मसार करने वाली बात है की घटना के छः माह बीत जाने के बाद भी सिवनी पुलिस अपने ही विभाग के प्रधान आरक्षक की हत्या के आरोपी सद्दाम को पकड़ने में नाकामयाब रही है। कहने को तो सिवनी पुलिस अन्य अपराधों की गुत्थी सुलझा कर अपनी पीठ थपथपाने का कोई अवसर नहीं छोड़ती लेकिन अपने ही विभाग के जांबाज अफसर के कातिल को पकड़ने में पुलिस बौनी नजर आ रही है। शहीद राकेश ठाकुर की आत्मा न्याय को तरस रही है और हत्यारा आजाद घूम रहा है।
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भिंड का है मुख्य आरोपी
बता दें कि कोतवाली पुलिस ने आरोपियों से सिक्स राउंड एक रिवाल्वर के साथ ही 26 जिंदा कारतूस (राउंड) जब्त किए थे। आरोपियों के इनोवा वाहन से एक कटर मशीन, पेंचकस, लोहे का रॉड भी मिली थी। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपितों की तैयारी किसी बड़ी चोरी अथवा डकैती की वारदात को अंजाम देने की थी। रिमांड में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने प्रधान आरक्षक पर फायरिंग करने वाले का नाम सद्दाम निवासी भिंड बताया था।