नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में पहला बजट पेश करने से पहले सोमवार (22 जुलाई) को मीडिया को संबोधित किया। मोदी ने बजट सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे पर बात की। उन्होंने कहा कि यह बजट अगले पांच साल की दिशा तय करेगा और 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लिया और कहा कि विपक्ष ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए संसद के समय का इस्तेमाल किया। देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया। ढाई घंटे मेरी आवाज दबाने की कोशिश की। लोकतांत्रिक परंपराओं में ऐसे आचरण का कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है।
अलोकतांत्रिक प्रयास
संसद दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है। 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को चुना, पहले सत्र में उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ।
मोदी के संबोधन की 5 मुख्य बातें…
- आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र की शुरुआत हो रही है।
- 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी के पहले बजट का सौभाग्य प्राप्त हो।
- हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा।
- हमारे पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली। अब देश के लिए खड़े हों।
- कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने संसद के महत्वपूर्ण समय को अपनी विफलताएं ढांकने के लिए दुरुपयोग किया।
विपक्ष करता रहा हंगामा
प्रधानमंत्री ने 2 घंटे 15 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान विपक्ष वेल में आकर लगातार हंगामा करता रहा। विपक्षी सांसदों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी,“’मणिपुर-मणिपुर’ और ‘न्याय दो-न्याय दो’ के नारे लगाए। पीएम को इस दौरान दो बार अपना भाषण रोकना पड़ा। स्पीकर ने विपक्ष को दो बार ऐसा नहीं करने की नसीहत दी। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये ठीक नहीं है, फिर भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे।