ट्रंप की नरमी से भारत को फायदा, US से ट्रेड डील पर बात बनी, 25% एक्स्ट्रा टैरिफ हटने के संकेत

Rahul Maurya

    नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत आगे बढ़ रही है, और इससे भारत को बड़ा फायदा मिल सकता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंथा नागेश्वरन ने उम्मीद जताई कि अमेरिका भारतीय सामानों पर लगाया गया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ हटा सकता है। साथ ही, रेसिप्रोकल टैरिफ को 10-15% तक घटाया जा सकता है। कोलकाता में एक कार्यक्रम में नागेश्वरन ने कहा कि अगले 8-10 हफ्तों में टैरिफ मसले का हल निकल सकता है। ट्रंप की नरमी से डील के सफल होने की उम्मीद बढ़ी है।

    टैरिफ में राहत की उम्मीद

    नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिका जल्द ही भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ हटा सकता है। उन्होंने बताया कि रूसी तेल खरीद पर ट्रंप द्वारा लगाया गया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ भी हट सकता है। सीईए ने कहा, “मुझे भरोसा है कि अगले कुछ महीनों में कम से कम 25% एक्स्ट्रा टैरिफ का समाधान निकलेगा।” ट्रंप ने हाल ही में पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया था और ट्रेड डील के सकारात्मक निष्कर्ष का संकेत दिया। दिल्ली में अमेरिकी वार्ताकार ब्रेंडेन लिंच और भारतीय प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल के बीच 7 घंटे की बैठक हुई।

    भारत-US ट्रेड डील की स्थिति

    ट्रेड डील एग्रीकल्चर, डेयरी प्रोडक्ट्स और अन्य मुद्दों पर अटकी थी। ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ से बातचीत थम गई थी। लेकिन अब दोनों देशों के बीच सतह के नीचे कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। अमेरिका को भारत के निर्यात का 55% हिस्सा हाई टैरिफ के दायरे में है। इससे कपड़ा, केमिकल, मरीन फूड, जेम्स एंड ज्वेलरी और मशीनरी जैसे सेक्टर प्रभावित हो रहे हैं। अगस्त में अमेरिका को निर्यात घटकर 6.87 अरब डॉलर रह गया, जो 10 महीने का सबसे निचला स्तर है।

    ट्रंप की नरमी के संकेत

    ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पीएम मोदी को दोस्त बताते हुए ट्रेड डील के सफल होने का इशारा किया। इससे पहले ब्राजील के साथ भी ट्रंप ने टैरिफ झेलने वाले देशों में भारत को शामिल किया था। लेकिन अब नरमी के संकेत मिल रहे हैं। सीईए ने कहा कि ट्रंप की नीतियां भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

    यह डील भारत की श्रम-प्रधान निर्यात अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगी। कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि टैरिफ हटने से निर्यात बढ़ेगा। सरकार का फोकस ट्रेड बैरियर्स हटाने पर है। अगर डील हुई, तो भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्ते मजबूत होंगे।

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