उमंग सिंहार के ‘आदिवासी हूँ, हिंदू नहीं’ बयान पर बवाल, सीएम मोहन यादव बोले- ‘कांग्रेस की सोच शर्मनाक’

Rahul Maurya

भोपाल, राष्ट्रबाण: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंहार के ‘मैं गर्व से कहता हूँ कि मैं आदिवासी हूँ, हिंदू नहीं’ बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इस बयान पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कांग्रेस पर हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उमंग सिंहार से माफी माँगने को कहा। सीएम ने इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस की ऐसी सोच के कारण उसकी दुर्दशा हो रही है। यह विवाद मध्य प्रदेश में धर्म और पहचान की राजनीति को फिर से गरमा सकता है।

उमंग सिंहार ने क्या कहा?

उमंग सिंहार ने भोपाल में मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद की बैठक में यह बयान दिया। उन्होंने कहा, मैं गर्व से कहता हूँ कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं। यह बात मैं सालों से कह रहा हूँ। चाहे कोई भी सरकार हो, उसे आदिवासी समाज का सम्मान करना होगा।

सिंहार, जो खुद आदिवासी समुदाय से हैं, ने इस बयान से आदिवासी पहचान को रेखांकित करने की कोशिश की। उनके इस बयान को कुछ ने आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विशिष्टता की रक्षा के रूप में देखा, जबकि बीजेपी ने इसे हिंदुत्व के खिलाफ हमला करार दिया।

मोहन यादव का पलटवार

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक वीडियो संदेश में कांग्रेस और सिंहार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा हिंदुत्व और सनातन धर्म का अपमान करती रही है। राहुल गांधी ने हिंदुत्व का मजाक उड़ाया, और अब उमंग सिंहार कह रहे हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं।

यह शर्मनाक है।” यादव ने कांग्रेस नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि डीएमके के स्टालिन और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने भी सनातन धर्म को ‘मच्छर’ और ‘डेंगू’ जैसे शब्दों से अपमानित किया। उन्होंने चेतावनी दी, “ऐसे बयानों से जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।”

कांग्रेस की दुर्दशा का कारण?

सीएम यादव ने कहा कि कांग्रेस की ऐसी सोच ही उसकी हार का कारण है। उन्होंने उमंग सिंहार से माफी माँगने की माँग की और कहा, “राजनीति करो, लेकिन हिंदुत्व पर सवाल उठाना गलत है। यह देश की जनता के लिए गंभीर मसला है।” यादव ने जोर देकर कहा कि मध्य प्रदेश की संस्कृति में हिंदुत्व और आदिवासी परंपराएँ एक-दूसरे से जुड़ी हैं, और इसे अलग करना सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाएगा।

आदिवासी बनाम हिंदुत्व का विवाद

उमंग सिंहार का बयान मध्य प्रदेश में आदिवासी पहचान और हिंदुत्व के बीच पुराने विवाद को फिर से हवा दे सकता है। मध्य प्रदेश में आदिवासी आबादी लगभग 21% है, और यह समुदाय सामाजिक-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

कुछ आदिवासी संगठनों का मानना है कि उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को हिंदुत्व के दायरे में समेटना उनकी विशिष्टता को कम करता है। भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश आदिवासी ने कहा, हमें अपनी परंपराएँ और संस्कृति पर गर्व है। इसे हिंदू या गैर-हिंदू के चश्मे से देखना ठीक नहीं।

बीजेपी की रणनीति

बीजेपी इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी हथियार बना सकती है। मध्य प्रदेश में हिंदुत्व बीजेपी का प्रमुख मुद्दा रहा है, और वह इस बयान को कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल कर सकती है। इंदौर के राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय वर्मा ने कहा, यह बयान बीजेपी को हिंदुत्व और एकता का नारा बुलंद करने का मौका देता है। लेकिन यह आदिवासी समुदाय के बीच भी नाराजगी पैदा कर सकता है।

Read also: इंदौर में सीएम मोहन यादव का सफाईकर्मियों के साथ सहभोज, 50 इलेक्ट्रिक बसों का किया लोकार्पण

error: Content is protected !!