खंडवा, राष्ट्रबाण: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक ऐसी खबर आई है, जो सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यहाँ की नर्मदा जल आपूर्ति की पाइपलाइन इतनी बार टूट चुकी है कि अब इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी हो रही है। जी हाँ, ये पाइपलाइन अब तक करीब 450 बार टूट चुकी है, और इसे भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत मानते हुए स्थानीय नेता ने गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का फैसला किया। इस अनोखे प्रयास को गिनीज बुक वालों ने भी हरी झंडी दे दी है। अब बस कुछ दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत है, और खंडवा का नाम दुनियाभर में मशहूर हो सकता है।
क्या है पूरा मामला?
खंडवा की इस पाइपलाइन की कहानी बड़ी दिलचस्प है। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद दीपक राठौड़ ने बताया कि ये पाइपलाइन 106 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई थी। लेकिन इसकी हालत इतनी खराब है कि ये बार-बार टूट जाती है। उनके मुताबिक, अब तक ये 450 बार टूट चुकी है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
दीपक ने इसकी शिकायत कई बार की, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला, तो उन्होंने इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का फैसला किया। गिनीज बुक ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है और अब उनसे इस पाइपलाइन के टूटने के प्रमाण और संबंधित विभाग की जानकारी मांगी है। दीपक ने इसके लिए कलेक्टर ऑफिस से प्रमाणित दस्तावेज़ मांगे हैं।
भ्रष्टाचार का नमूना?
दीपक राठौड़ का कहना है कि ये पाइपलाइन भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। इतनी मोटी रकम खर्च करने के बावजूद ये प्रोजेक्ट बार-बार फेल हो रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में शायद ही कहीं इतनी बड़ी परियोजना इतनी बुरी तरह नाकाम हुई हो। खंडवा जैसे छोटे शहर का नाम अगर गिनीज बुक में आएगा, तो ये एक अलग तरह की पहचान होगी। लेकिन साथ ही ये भ्रष्टाचार की पोल भी खोलेगा।
जनता की परेशानी
खंडवा की ढाई लाख आबादी इस पाइपलाइन पर निर्भर है। लेकिन बार-बार टूटने की वजह से लोगों को पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ती है। हर बार पाइपलाइन टूटने पर 48 घंटे तक पानी की सप्लाई बंद हो जाती है। लोग परेशान होकर टैंकरों और दूसरी जगहों से पानी लाने को मजबूर होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या ने उनकी ज़िंदगी मुश्किल कर दी है।
अधिकारियों का कहना है कि पुरानी पाइपलाइन की जगह अब नई पाइपलाइन बिछाई जा रही है। ये काम लगभग पूरा हो चुका है। उनका दावा है कि नई पाइपलाइन शुरू होने के बाद पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। लेकिन जनता का सवाल है कि जब इतने पैसे खर्च करके बनाई गई पुरानी पाइपलाइन फेल हो गई, तो नई पर कितना भरोसा किया जाए?
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