Railway New Luggage Policy: भारतीय रेलवे में यात्रियों के सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की खबरों ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। मीडिया में दावा किया गया कि रेलवे अब हवाई यात्रा की तरह सामान का वजन तौलकर ज्यादा लगेज पर शुल्क वसूलेगा। हालाँकि, रेल मंत्रालय ने इसे अफवाह बताकर खारिज कर दिया है। इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस कथित फैसले को गरीब विरोधी करार देते हुए केंद्र की BJP सरकार पर तीखा हमला बोला है।
अखिलेश का तंज
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि यह कथित नीति गरीब मजदूरों और किसानों के खिलाफ है, जो साल में एक-दो बार गाँव जाते हैं और दाल-चावल जैसे राशन साथ लाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या BJP अब गरीबों की थाली का खाना भी छीनना चाहती है। अखिलेश ने सुझाव दिया कि अगर रेलवे को पैसा चाहिए, तो AC-1 और AC-2 के यात्रियों से शुल्क वसूला जाए, न कि जनरल, स्लीपर, या AC-3 के यात्रियों से। उन्होंने BJP पर रेलवे को खोखला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह नीति लागू हुई, तो जनता BJP का “रिटर्न टिकट” वक्त से पहले काट देगी।
रेलवे का स्पष्टीकरण
रेल मंत्रालय ने साफ किया कि लगेज पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मौजूदा नियम, जो 10 साल से लागू हैं, विभिन्न श्रेणियों में मुफ्त सामान की सीमा तय करते हैं: AC प्रथम श्रेणी में 70 किलो, AC 2-टियर में 50 किलो, AC 3-टियर और स्लीपर में 40 किलो, और जनरल में 35 किलो। इससे अधिक सामान पर पहले से ही जुर्माना है। रेलवे ने कहा कि नई नीति की खबरें आधारहीन हैं।
सियासी घमासान और सवाल
अखिलेश ने BJP सांसदों और विधायकों के मुफ्त रेल पास पर भी निशाना साधा, सुझाव देते हुए कि अगर रेलवे का खजाना खाली है, तो ये पास बंद किए जाएँ। उन्होंने इसे BJP के “भ्रष्टाचार” का नतीजा बताया। इस विवाद ने बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बीच नया मोड़ ला दिया है, जहाँ विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है।
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