डिडोरी और भैंसवाही की महिलाओं ने पुलिस-आबकारी की निष्क्रियता पर जताया आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग

Rashtrabaan
नैनपुर में अवैध शराब पर बवाल, महिलाओं ने थाने में की दस्तक |

    मंडला, राष्ट्रबाण। नैनपुर क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार को लेकर ग्रामीण महिलाओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। सोमवार को ग्राम डिडोरी और भैंसवाही से भारी संख्या में महिलाएं नैनपुर थाने पहुंची और जोरदार विरोध दर्ज कराया। ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि उनके गांवों में खुलेआम अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य चौक-चौराहों तक शराब की निकासी और बिक्री हो रही है, जिससे गांव का सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है।

    महिलाओं ने पुलिस और आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक इस गोरखधंधे पर किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों के मुताबिक नाबालिग बच्चों तक पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। घरों में कलह-झगड़े बढ़ गए हैं, युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है और गृहस्थी टूटने की कगार पर पहुंच रही है।

    पार्षदों पर भी गंभीर आरोप

    ग्रामीण महिलाओं ने केवल अवैध शराब बेचने वालों को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया, बल्कि नैनपुर नगर के कुछ पार्षदों पर भी आरोप लगाए। उनका कहना है कि पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में कमीशन तय कर अवैध शराब बिक्री की खुली छूट दे रखी है। यही कारण है कि वार्डों के युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में फंस रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि यह नेताओं और पार्षदों का राजनीतिक स्टंट मात्र है, जो जनता की भलाई का दावा करते हैं लेकिन हकीकत में अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं।

    विरोध की गूंज थाने तक

    डिडोरी और भैंसवाही की महिलाओं का बड़ा हुजूम सोमवार को नैनपुर थाने पहुंचा। उन्होंने एकजुट होकर पुलिस प्रशासन के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई और अवैध शराब के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। महिलाओं ने कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो वे और बड़े आंदोलन का सहारा लेंगी।

    पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यवाही शून्य?

    महिलाओं का आरोप है कि नैनपुर थाना क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब बेची जा रही है, लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग इस ओर आंखें मूंदे बैठे हैं। अब तक किसी भी बड़े व्यापारी पर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ता जा रहा है। विरोध जताने आई महिलाओं ने साफ कहा कि यदि पुलिस और विभागीय अधिकारी अब भी निष्क्रिय रहे तो वे कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर मामले को उच्च स्तर पर उठाएंगी।

    सामाजिक ढांचे पर असर

    ग्रामीणों ने बताया कि अवैध शराब ने न केवल नौजवानों बल्कि पूरे समाज को प्रभावित किया है। कई घरों में रोजाना झगड़े होते हैं, आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है और बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है। महिलाओं ने कहा कि वे अब और बर्बादी सहन नहीं करेंगी।

    प्रशासन पर दबाव

    महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। अब देखना होगा कि नैनपुर पुलिस और आबकारी विभाग इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि गांव-गांव में अवैध शराब के ठिकानों पर छापे मारे जाएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
    नैनपुर में ग्रामीण महिलाओं का यह विरोध न केवल अवैध शराब कारोबार के खिलाफ एक आवाज है बल्कि यह संदेश भी है कि जब समाज का धैर्य टूटता है तो वह व्यवस्था को झकझोर कर रख देता है।

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