मुंबई, राष्ट्रबाण: मुंबई के विखरोली इलाके में शनिवार तड़के भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने तबाही मचाई, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और दो अन्य घायल हो गए। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने इस हादसे को गंभीर बताया और इलाके के अन्य लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया। भारी बारिश ने मुंबई में जलभराव और यातायात की समस्या भी पैदा की, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
विखरोली में भूस्खलन की त्रासदी
हादसा शनिवार तड़के 2:39 बजे विखरोली के वरशा नगर, जनकल्याण सोसाइटी में हुआ। लगातार बारिश के कारण एक पहाड़ी से मिट्टी और पत्थर खिसककर एक झोपड़ी पर गिर गए। इस हादसे में शालू मिश्रा (19) और सुरेश मिश्रा (50) की मौत हो गई, जबकि आरती मिश्रा (45) और ऋतुराज मिश्रा (20) गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
मुंबई फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, और BMC की टीमें मौके पर पहुँचीं और बचाव कार्य शुरू किया। मलबा हटाने का काम पूरा हो चुका है, और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। विखरोली का यह इलाका पहले से ही भूस्खलन-संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित है।
भारी बारिश से मुंबई बेहाल
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में शुक्रवार रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। विखरोली में 248.5 मिमी, सांताक्रूज़ में 232.5 मिमी, और सायन में 221 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस बारिश ने सायन, कुर्ला, चेंबूर, अंधेरी, और किंग्स सर्कल जैसे इलाकों में सड़कों को जलमग्न कर दिया।
लोकल ट्रेन सेवाएँ भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे की मुख्य और हार्बर लाइन पर पानी भरने से दादर, कुर्ला, सायन, और चुनाभट्टी स्टेशनों पर ट्रेनें रुकी रहीं। BMC ने लोगों से गैर-जरूरी यात्रा से बचने की अपील की है और आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 1916 जारी किया है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई और रायगढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले कुछ घंटों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, BMC ने जल निकासी और पंपिंग सिस्टम को सक्रिय कर दिया है ताकि जलभराव को कम किया जा सके।
भूस्खलन का खतरा
विखरोली और भांडुप जैसे पूर्वी उपनगरों को भूस्खलन-संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन इलाकों में पहाड़ी ढलानों पर बनी झोपड़ियाँ जोखिम में हैं। BMC ने मई में इन क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी थी, लेकिन कई परिवारों के पास वैकल्पिक आवास की कमी के कारण वे अभी भी इन खतरनाक जगहों पर रह रहे हैं।
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