पंजाब में बाढ़ का कहर 43 लोगों की मौत, 1.71 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, शिवराज और केजरीवाल ने लिया जायजा

Rahul Maurya
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चंडीगढ़, राष्ट्रबाण: पंजाब में इस साल मानसून की भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सतलुज, ब्यास, और रावी जैसी नदियों में उफान के कारण 1,000 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए, 1.71 लाख हेक्टेयर खेतों की फसल बर्बाद हो गई, और 43 लोगों की जान चली गई। इस आपदा ने लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

बाढ़ ने मचाई तबाही

पंजाब के 22 जिलों में 1,902 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें 3.84 लाख से ज्यादा लोग संकट में हैं। भाखड़ा बांध का जलस्तर अपनी अधिकतम क्षमता 1,680 फीट से सिर्फ एक फीट नीचे है, जिसके कारण सतलुज नदी के किनारे बसे इलाकों में खतरा बढ़ गया है। रूपनगर और पटियाला जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है।

घग्गर नदी के आसपास भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर कर दिया। अमृतसर के एक किसान, गुरप्रीत सिंह ने बताया, “हमारी धान की फसल पूरी तरह डूब गई। अब अगले सीजन तक परिवार का गुजारा कैसे होगा?”

शिवराज और केजरीवाल का दौरा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर, और कपूरथला जैसे प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने इसे “जल प्रलय” की स्थिति बताते हुए कहा, “केंद्र सरकार पंजाब के साथ है। दो केंद्रीय टीमें नुकसान का आकलन कर रही हैं, और जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा होगी।

दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल ने भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और राहत सामग्री बाँटी। उन्होंने X पर लिखा, “पंजाब के लोग इस संकट में अकेले नहीं हैं। AAP सरकार हर कदम पर उनके साथ है।” केजरीवाल ने मुख्यमंत्री राहत कोष में AAP सांसदों और विधायकों की एक महीने की सैलरी दान करने की घोषणा भी की।

राहत और बचाव के प्रयास

पंजाब सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए 196 राहत शिविर शुरू किए हैं, जहाँ प्रभावित लोगों को भोजन, दवाइयाँ, और आश्रय दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर प्रभावित गांव में एक गजेटेड अधिकारी तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि लोगों की समस्याएँ सीधे प्रशासन तक पहुँचें।

मान ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी प्रभावित व्यक्ति मदद से वंचित न रहे।” राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सेना ने भी बचाव कार्यों में तेजी लाई है। पठानकोट के माधोपुर में सेना ने हेलीकॉप्टर से 22 CRPF जवानों और 3 नागरिकों को बचाया।

फसल नुकसान का आकलन

बाढ़ ने पंजाब के किसानों की कमर तोड़ दी है। धान, गेहूं, और सब्जियों की फसलें पानी में डूब गईं। सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी शुरू की है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 1.71 लाख हेक्टेयर फसल की बर्बादी से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा। एक किसान, बलविंदर कौर ने बताया, “हमने कर्ज लेकर खेती की थी, अब सब खत्म हो गया। सरकार से मुआवजे की उम्मीद है।”

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