नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। विवादित आईएएस रहीं पूजा खेडकर ने यूपीएससी उम्मीदवारी रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पूजा खेडकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची हैं। पूरे मामले में जिन संस्थाओं ने पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस भेजा था, उन सभी को पूजा ने अपनी याचिका में पार्टी बनाया है, जिसमें डीओपीटी, संघ लोक सेवा आयोग और पुणे जिला कलेक्टर शामिल हैं।
सुनवाई 7 अगस्त को होगी
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की आईएएस रही हैं। इन्हें धोखाधड़ी व जालसाजी के आरोप में पुणे व वाशिम में ट्रेनिंग के दौरान ही सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। अब इसी फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंची पूजा के मामले की सुनवाई सात अग्स्त को होगी। 31 जुलाई 2024 को यूपीएससी ने पूजा खेडकर प्रकरण में उसकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द करने के साथ ही उसके भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयन प्रकियाओं में शामिल होने पर रोक लगा दी, जिसको पूजा खेडकर ने कोर्ट में याचिका लगाते हुए गलत बताया है।
कई नोटिस जारी हुए
उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई 2024 को यूपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया था कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा-2022 (सीएसई-2022) की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को 18 जुलाई, 2024 को फर्जी पहचान बताकर परीक्षा नियमों में निर्धारित अनुमेय सीमा से अधिक बार प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। उन्हें 25 जुलाई, 2024 तक एससीएन का जवाब देना था।
अतिरिक्त समय की मांग
हालांकि, उन्होंने 04 अगस्त, 2024 तक का अतिरिक्त समय मांगा ताकि वह अपने जवाब के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटा सकें। सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले की पृष्ठभूमि में, यूपीएससी ने वर्ष 2009 से 2023 तक यानी 15 वर्षों के लिए सीएसई के 15,000 से अधिक अंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध आंकड़ों की उनके द्वारा किए गए प्रयासों की संख्या के संबंध में गहन जांच की है। इस विस्तृत अभ्यास के बाद, सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर, किसी अन्य उम्मीदवार को सीएसई नियमों के तहत अनुमत संख्या से अधिक प्रयासों का लाभ उठाते हुए नहीं पाया गया है।