अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को भी चंद्रयान-३ की लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार

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  • अंतरिक्ष यात्री सुनीता ने बताया विक्रम की लैंडिंग से दुनिया को क्या लाभ

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। 23 अगस्त 2023 को भारत एक नया इतिहास बनाएगा। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की बहुप्रतीक्षित लैंडिंग है। चंद्रयान-३ की चांद पर लैंडिंग की भारत ही नहीं पूरी दुनिया को बेसब्री से इंतजार है। तो वहीं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को भी चंद्रयान-३ के चांद को चूमने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। इसरो ने यान के चांद को छूने के लिए समय भी निर्धारित कर दिया है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 23 अगस्त की शाम 6.04 मिनट पर विक्रम लैंडर चांद की सतह को चूमेगा, इस नजारे को पूरी दुनिया लाइव कवरेज में देख सकेगी। चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर जितना भारतवासी उत्सुक हैं, दुनिया भी इस पल को अपनी आंखों से कैद करने के लिए टकटकी लगाए हुए है। इस बीच भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए अपना खास संदेश भेजा है। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए उत्साहित है। सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष अभियानों में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनका कहना है कि वे उत्सुकता से प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की खोज का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने इसे वैज्ञानिक खोजों के लिए महान संभावनाएं बताई। नासा की अंतरिक्ष यात्री विलियम्स ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की है।

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अंतरिक्ष यात्री सुनीता ने बताया विक्रम की लैंडिंग से दुनिया को क्या लाभ
नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया द्वारा साझा किए गए एक बयान में, सुनीता विलियम्स ने चंद्र अन्वेषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह मिशन हमारे ग्रह से परे स्थायी जीवन के लिए इसकी क्षमता के लिए भी महत्वपूर्ण है। विलियम्स ने कहा, चंद्रमा पर उतरने से हमें अमूल्य अंतर्दृष्टि मिलेगी। मैं वास्तव में रोमांचित हूं कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा पर स्थायी जीवन की खोज में सबसे आगे है। यह वास्तव में रोमांचक समय है। मिशन के परिणामों के बारे में बोलते हुए विलियम्स ने वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया जो चंद्रयान -3 की लैंडिंग और रोवर की गतिविधियों से उत्पन्न होगा। वह इस प्रयास को चंद्रमा की संरचना और इतिहास की हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण कदम मानती हैं।

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