चेन्नई, राष्ट्रबाण। केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच ट्राई लैंग्वेज वॉर जारी है। रविवार को कोयंबटूर के पोलाची रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर स्टेशन के हिंदी नाम को डीएमके कार्यकर्ताओं काले रंग से मिटाया। इससे पहले सीएम एमके स्टालिन ने शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने तमिलनाडु अभिभावक-शिक्षक संघ के कार्यक्रम में कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर साइन करने के लिए केंद्र सरकार 2 हजार या 10 हजार करोड़ ही क्यों न दे दे, मैं साइन नहीं करूंगा।
85 साल से तमिल की रक्षा के लिए लड़ाई
उन्होंने कहा था कि अगर राज्य ने 2 हजार करोड़ रुपए के लिए अपने अधिकार छोड़ दिए तो तमिल समाज 2 हजार साल पीछे चला जाएगा। मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन कभी ऐसा पाप नहीं करेगा। स्टालिन ने कहा- द्रविड़ आंदोलन 85 साल से तमिल की रक्षा के लिए लड़ रहा है। पिछले 75 सालों में भारत में 52 भाषाएं खत्म हो गई और अकेले हिंदी पट्टी में 25 भाषाएं विलुप्त हो गई। जिन राज्यों ने हिंदी के वर्चस्व के कारण अपनी मूल भाषाएं खो दी, उन्हें अब सच्चाई का एहसास हो रहा है।
स्टालिन बोले- शिक्षा और स्वास्थ्य को हमारी दो आंखें
स्टालिन ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी दो आंखें मानती है। इस साल हमने स्कूली शिक्षा विभाग को 44 हजार करोड़ रुपए और उच्च शिक्षा विभाग को 8 हजार 200 करोड़ रुपए बांटे हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि हम शिक्षा क्षेत्र को कितना महत्व देते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में तमिलनाडु भारत में दूसरे स्थान पर है। इस उपलब्धि का कारण स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाएं हैं। केंद्रीय वित्त विभाग द्वारा जारी इकोनोमिकल सर्वे में भी इसे मान्यता दी गई है।
हिंदी थोपने की कोशिश न करें
उन्होंने कहा कि हम हिंदी समेत किसी भी भाषा के दुश्मन नहीं हैं। अगर कोई हिंदी सीखना चाहता है तो वह हिंदी प्रचार सभा, केंद्रीय विद्यालय या अन्य संस्थानों में ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। तमिलनाडु ने कभी किसी को हिंदी सीखने से नहीं रोका है, न ही हम ऐसा कभी करेंगे, लेकिन हम पर हिंदी थोपने की कोशिश न करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो तमिल लोग इसका विरोध करेंगे और तमिलनाडु अपनी ताकत साबित करेगा।