MP Weather Update: मध्य प्रदेश में मानसून ने पूरे जोर पकड़ लिया है, और पिछले 24 घंटों से मूसलधार बारिश ने कई जिलों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सीधी में 7.72 इंच और रीवा में 5.38 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे सड़कों पर जलभराव और नदियों में उफान की स्थिति बनी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 12 और 13 जुलाई को पूर्वी मध्य प्रदेश में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रदेश के 45 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, जबकि भोपाल, नर्मदापुरम, और पश्चिमी जिलों में 13-14 जुलाई को तेज बारिश की संभावना है। नर्मदा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
मानसून द्रोणिका और मौसम प्रणाली
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, झारखंड के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र और उत्तर प्रदेश से गुजर रही मानसून द्रोणिका (ट्रफ लाइन) इस भारी बारिश का प्रमुख कारण है। यह मौसम प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ रही है, जिससे अगले कुछ दिनों में भोपाल, उज्जैन, और इंदौर जैसे पश्चिमी जिलों में भी तीव्र बारिश की आशंका है।
IMD के भोपाल केंद्र के वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया, “चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र और दो सक्रिय द्रोणिकाएँ मध्य भारत में भारी बारिश को बढ़ावा दे रही हैं। यह स्थिति 12-13 जुलाई तक चरम पर रहेगी।” निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, खासकर नर्मदा, बेतवा, और तवा नदियों के किनारे बसे गाँवों में।
भारी बारिश के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट
IMD ने 12 जुलाई के लिए 10 जिलों—छतरपुर, दमोह, सागर, कटनी, जबलपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, और नर्मदापुरम—में अति भारी बारिश (64.5-115.5 मिमी) के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, 35 अन्य जिलों में भारी बारिश (44.5-64.5 मिमी) का येलो अलर्ट है, जिनमें भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, देवास, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, और बालाघाट शामिल हैं। इन क्षेत्रों में बिजली, गरज, और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं के साथ बारिश की संभावना है।
जनजीवन पर प्रभाव और प्रशासनिक कदम
लगातार बारिश ने पूर्वी मध्य प्रदेश में हालात को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। सीधी और रीवा में सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ है। मंडला और डिंडौरी में स्कूलों को बंद कर दिया गया है, और जबलपुर-मंडला राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर भूस्खलन ने आवागमन रोक दिया है।
नर्मदा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने से मंडला, नरसिंहपुर, और होशंगाबाद में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। डिंडौरी में एक बांध के पास बच्चे के डूबने की दुखद घटना सामने आई है। जिला प्रशासन ने बालाघाट में 16 लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकाला है। NDRF और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं, और नदियों के किनारे बसे गाँवों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह मूसलधार बारिश खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि मिट्टी में नमी बढ़ी है, जिससे धान और मक्का की बुवाई को बढ़ावा मिला है। हालांकि, सागर और रीवा जैसे जिलों में अत्यधिक बारिश से कुछ फसलों को नुकसान हुआ है।
IMD ने 14 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता में कमी की भविष्यवाणी की है, लेकिन पश्चिमी मध्य प्रदेश में 13-14 जुलाई को भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने यात्रियों को बाढ़ग्रस्त सड़कों से बचने और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहने की सलाह दी है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति और संचार सेवाएँ बाधित होने की भी खबरें हैं।