Ujjain News: 60 हजार में पूरे गाँव को गदर-2 फ़िल्म दिखाकर पूरी की पिता की आखिरी इच्छा

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  • सनी देओल के फैन रह चुकें है पिता 'गदर सेठ'

उज्जैन, राष्ट्रबाण। देशभर में सनी दिओल की फ़िल्म गदर-2 हाउसफुल चल रही है। एक तरफ जहां देशभक्ति पर आधारित इस फ़िल्म ने अब तक करोड़ो की कमाई कर ली है। लेकिन इस फ़िल्म के बीच एक नया मामला सामने आया है। जहां एक बेटे ने अपने पिता की आखिरी इच्छा गदर-2 पूरे गांव के लोगो को दिखाकर पूरी की है। दरअसल मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक गजब का नजारा दिखा। सनी देओल के फैन रहे पिता की आखिरी इच्छा पूरी करते हुए एक शख्स ने पूरे गांव को मुफ्त में फिल्म दिखा दी। इसके लिए पूरा सिनेमा हॉल बुक कर लिया था। आगे डीजे, पीछे ट्रैक्टर, बाइक का काफिला और गदर के गानों पर झूमते हुए लोग फिल्म देखने पहुंचे। पूरे गांव को फिल्म दिखाने पर उसने करीब 60 हजार रुपए खर्च किए। उज्जैन जिले की घटिया तहसील के गांव बकानिया से 40 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर लोग गदर देखने निकले। आगे डीजे पर गदर के बजते गाने और पीछे एक के बाद एक ट्रैक्टर का लंबा काफिला था। सभी लोग सांवेर स्थित सिनेमा हॉल पहुंचे। लेकिन गांव के सभी लोग एक सिनेमाघर में कहां आने वाले थे। सीट कम पड़ गई तो दूसरे सिनेमाघरों में भी लोगों को पहुंचाया गया। फिल्म दिखाने के लिए उज्जैन के पीवीआर को बुक किया जा रहा था, लेकिन यहां पर बुकिंग न होने के कारण 25 किलोमीटर दूर सांवेर में ले जाया गया। गांव से लेकर सांवर सिनेमा घर तक काफिले के रूप में निकले। फिल्म दिखाने वाले धर्मेंद्र ने बताया कि पिता लक्ष्मीनारायण सनी देओल के बहुत बड़े फैन थे। इसके पहले गदर फिल्म उन्होंने देखी थी तभी से वह ‘तारा सिंह’ के गेट अप में रहने लगे थे और रोज गांव के किसी भी व्यक्ति को साथ ले जाकर फिल्म देखते थे। इसके बाद उन्होंने एक टीवी और वीसीआर गांव के मंदिर में लगा दिया था, जहां रोज लोग गदर फिल्म देखा करते थे। गांव के लोगों ने उनका नाम गदर सेठ रख दिया था। उन्हें गदर-2 रिलीज होने का इंतजार था। उनका कहना था कि गदर-2 फिल्म लगने पर पूरे गांव को फिल्म दिखाने ले जाऊंगा। गदर सेठ की मौत के बाद उनके बेटे धर्मेंद्र ने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने 60 हजार रुपए खर्च किए। ग्राम पंचायत सचिव जितेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि लक्ष्मीनारायण उर्फ गदर सेठ की बरसी पर उनके बेटे ने पूरे गांव को मुफ्त में फिल्म दिखाई। लोग लक्ष्मीनारायण को यादकर भावुक थे।

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