उत्तरकाशी में जलप्रलय: बादल फटने से तबाही धराली और हर्षिल में बाढ़, सेना कैंप क्षतिग्रस्त

Rahul Maurya
उत्तरकाशी में आपदा

    उत्तरकाशी, राष्ट्रबाण: उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल में 5 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। खीरगंगा नदी में सैलाब ने धराली के बाजार, होटल और घरों को मलबे में बदल दिया, जबकि हर्षिल में तेलगाड में बादल फटने से सेना का कैंप क्षतिग्रस्त हो गया। कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है, और 50 से अधिक लोग लापता हैं।

    धराली में मलबे ने मचाई तबाही

    धराली गाँव, जो गंगोत्री धाम के रास्ते पर 8,600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है, में दोपहर 1:45 बजे खीरगंगा नदी में बादल फटने से बाढ़ आई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं के अनुसार, 20-25 होटल, दुकानें और घर पूरी तरह नष्ट हो गए। कई ग्रामीणों की पुश्तैनी संपत्ति और सेब के बागान बह गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ इतनी तेज थी कि लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वीडियो फुटेज में मलबे और पानी की लहरें गाँव को निगलती दिखीं। अनुमान है कि 25-30 लोग लापता हैं, जिनमें पर्यटक और स्थानीय शामिल हैं।

    हर्षिल में सेना कैंप को नुकसान

    हर्षिल में तेलगाड में बादल फटने से सेना का कैंप प्रभावित हुआ। मलबे ने चौकियों और बंकरों को नुकसान पहुँचाया, और 8-10 जवान लापता बताए जा रहे हैं। भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और 150 जवानों की टीम, कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में, राहत कार्य में जुटी। 20 लोगों को बचाया गया, जिन्हें हर्षिल के सेना चिकित्सा केंद्र में इलाज दिया जा रहा है। हर्षिल हेलीपैड और आसपास का क्षेत्र भी मलबे से प्रभावित हुआ।

    बिजली और संपर्क ठप

    मनेरी से गंगोत्री तक 33 केवी लाइन क्षतिग्रस्त होने से भटवाड़ी, हर्षिल और गंगोत्री में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद है। खराब मौसम और सड़क अवरोधों ने बचाव कार्यों को मुश्किल बना दिया। उत्तरकाशी प्रशासन ने भटवाड़ी, गंगोरी और डुंडा ब्लॉकों में नदी किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी। स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं, और ट्रैकिंग परमिट रद्द किए गए हैं।

    राहत कार्यों में तेजी

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम से स्थिति की समीक्षा की और 20 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की। सेना, NDRF, SDRF, ITBP और पुलिस की 350 से अधिक जवानों की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। 130 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने धामी से बात कर केंद्र की पूरी मदद का भरोसा दिया। झाला हेलीपैड से हवाई बचाव शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया पर लोग इसे 2013 की केदारनाथ त्रासदी से भी भयावह बता रहे हैं।

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