Slapping Swami Prasad Mauraya: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के स्वागत समारोह के दौरान हंगामा मच गया। यह घटना मिलएरिया थाना क्षेत्र के सारस चौराहे के पास हुई। पुलिस के अनुसार, दो युवक कार्यकर्ताओं के भेष में आए और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अभद्रता करने की कोशिश की। इस दौरान मौर्य के समर्थकों और इन युवकों के बीच तीखी झड़प हो गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया। इस घटना ने स्थानीय सियासत में नया तनाव पैदा कर दिया है, और लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं।
हमलावरों की पहचान और उनका दावा
पुलिस ने दोनों युवकों की पहचान शिवम यादव, जो आटी, थाना डीह, रायबरेली के निवासी हैं, और रोहित द्विवेदी, जो कौरापुर गौरा, थाना डीह के निवासी हैं, के रूप में की है। रोहित द्विवेदी ने पुलिस को बताया कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म और ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ दिए गए विवादित बयानों से नाराज थे। उन्होंने कहा कि मौर्य ने कई बार हिंदू विरोधी और ब्राह्मणों के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं, जिसके चलते गुस्से में यह कदम उठाया गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। मिलएरिया थाना प्रभारी अजय राय ने बताया कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी हुई है और कानूनी कार्रवाई चल रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी सरकार पर हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इसे गुंडाराज का उदाहरण बताते हुए कहा कि हमलावर करणी सेना से जुड़े हुए हैं। मौर्य ने दावा किया कि पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना होना राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह हमला उनकी आवाज को दबाने की साजिश है, लेकिन वह अपनी बात को जनता तक पहुंचाते रहेंगे। मौर्य ने सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और इसे अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों के खिलाफ सियासी षड्यंत्र का हिस्सा बताया।
सियासी माहौल पर असर
यह घटना रायबरेली के सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं, और इस घटना ने उनके और विरोधी समूहों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। स्थानीय लोग इस मामले को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं। कुछ लोग इसे सियासी ड्रामा मान रहे हैं, तो कुछ इसे कानून-व्यवस्था की नाकामी से जोड़ रहे हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है, लेकिन इस घटना का असर आने वाले दिनों में क्षेत्र की सियासत पर पड़ सकता है।
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