अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ ने उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे केंद्र सरकार की विदेश नीति की नाकामी करार दिया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर संसद में खुली चर्चा की मांग की है। दोनों नेताओं ने मोदी सरकार पर देश के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है।
टैरिफ पर विपक्ष का हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच पुराने दोस्ताना रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब टैरिफ जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने कुछ कारोबारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की, जिससे देश के किसान और छोटे उद्योगपति मुश्किल में हैं। अखिलेश ने जोर देकर कहा कि सरकार को किसानों, नौजवानों और उद्योगों के हित में काम करना चाहिए था। उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने की बात भी उठाई, जो उनके मुताबिक सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है।
मायावती की संसद में चर्चा की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने टैरिफ को भारत के साथ विश्वासघात बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिका का यह कदम अनुचित और तर्कहीन है। मायावती ने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर संसद में गंभीर चर्चा करने की अपील की। पूर्व मुख्यमंत्री ने देशवासियों से एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने का आह्वान किया। उनके मुताबिक, यह कदम भारत को कमजोर करने की कोशिश है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ट्रंप के टैरिफ ने न केवल भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और किसानों के भविष्य पर भी असर डाला है। विपक्ष के तीखे हमलों के बीच केंद्र सरकार की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। आने वाले दिनों में संसद में इस मुद्दे पर चर्चा होती है या नहीं, यह देखना होगा। फिलहाल, यूपी की सियासत में यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है, और जनता सरकार से ठोस कदमों की उम्मीद कर रही है।