राष्ट्रबाण: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल ने एक प्रेजेंटेशन के जरिए ‘वोट चोरी’ का सबूत पेश किया। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोट डाले गए और देश की 100 से ज्यादा सीटों पर ऐसा ही हुआ।
राहुल ने कहा कि अगर बीजेपी की 10-15 सीटें कम होतीं, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते और इंडिया गठबंधन की सरकार बनती। उन्होंने संविधान द्वारा दिए गए वोट के अधिकार की रक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि बीजेपी ने पिछले चुनाव में संविधान पर हमला किया। इस बीच, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने राहुल को सलाह दी कि यह प्रेजेंटेशन देश के हर तहसील और तालुका में दिखाया जाना चाहिए।
सुप्रिया सुले ने बताई पवार की सलाह
शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को बताया कि राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के 50 से ज्यादा नेताओं को प्रेजेंटेशन में वोट चोरी का पूरा खेल समझाया। सुले ने कहा कि शरद पवार ने सुझाव दिया कि यह प्रेजेंटेशन हर राज्य, जिला और तहसील में दिखाया जाए, ताकि लोकतंत्र में विश्वास करने वाले लोग सच जान सकें।
सुले ने जोर देकर कहा कि अगर चुनाव आयोग स्वतंत्र है, तो उसे इन आरोपों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि प्रेजेंटेशन में दिखाए गए सबूत खुद चुनाव आयोग की वेबसाइट से लिए गए हैं। इंडिया गठबंधन अब संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकालने की तैयारी में है।
राहुल का दावा: चुनाव आयोग पर सवाल
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके पास ‘वोट चोरी’ का पक्का सबूत है। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी वोटर, नकली पते और गलत फोटो के जरिए वोटों की हेराफेरी की गई। राहुल ने दावा किया कि अगर चुनाव आयोग पारदर्शी डेटा और वीडियोग्राफी दे, तो वह साबित कर देंगे कि 2024 का चुनाव चोरी से जीता गया।
उन्होंने कहा कि यह धांधली सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं, बल्कि देशभर में हुई। बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए राहुल पर संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राहुल के दावों में तथ्य गलत हैं और उनकी भाषा धमकी भरी है।
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