Uttarkashi Disaster: लापता लोगों की संख्या बढ़ी, 42 की मौत की पुष्टि 40 होटल और रिजॉर्ट तबाह

Rahul Maurya

Uttarkashi Disaster : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को बादल फटने से आई भीषण आपदा को एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन तबाही का मंजर अभी भी बरकरार है। प्रशासन ने अब 42 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि एक शव बरामद हुआ है। इस आपदा ने धराली बाजार को मलबे में तब्दील कर दिया, जिसमें 40 होटल, होमस्टे और रिजॉर्ट पूरी तरह बर्बाद हो गए। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्य में जुटी हैं।

लापता लोगों की संख्या बढ़ी, मलबे में तलाश जारी

प्रशासन के ताजा आँकड़ों के मुताबिक, लापता लोगों में सेना के नौ जवान, धराली गाँव के आठ लोग, आसपास के गाँवों के पाँच लोग, टिहरी का एक व्यक्ति, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह लोग शामिल हैं। इसके अलावा, नेपाल के 24 मजदूरों के लापता होने की खबर है, हालाँकि पाँच मजदूरों से संचार सेवा बहाल होने के बाद संपर्क हो चुका है।

धराली के प्रधान अजय नेगी ने बताया कि आपदा के समय गाँव में बिहार और नेपाल के कई मजदूर काम कर रहे थे, जो कल्प केदार मंदिर और अन्य स्थानों पर रह रहे थे। स्थानीय पुलिस हेल्प डेस्क ने 73 लापता लोगों की सूची तैयार की है, जिसमें एक चार साल का बच्चा और एक 18 साल का नेपाली नाबालिग भी शामिल है।

परिजनों की तलाश और बचाव की चुनौतियाँ

आपदा के बाद कई लोग अपने परिजनों की तलाश में धराली पहुँच रहे हैं। राजस्थान के उदयपुर की कृतिका जैन से 5 अगस्त की दोपहर से संपर्क टूटा है। उनकी बहन उरवी ने बताया कि सुबह बात हुई थी, लेकिन बाद में फोन नहीं लगा। इसी तरह, बिजनौर के योगेश, जो धराली में वेल्डिंग का काम करता था, लापता है। उसके पिता लेखराज बेटे की तलाश में उत्तरकाशी पहुँचे हैं।

बचाव कार्यों में भारी मलबा, टूटी सड़कें और खराब मौसम चुनौतियाँ खड़ी कर रहे हैं। सेना ने भगीरथी नदी पर फुटब्रिज बनाकर राहत सामग्री की आवाजाही शुरू की है, जबकि चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों से 340 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

राहत कार्यों में तेजी, सीएम धामी की निगरानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। धराली और हर्षिल में मेडिकल कैंप और सामुदायिक रसोई शुरू की गई हैं, ताकि प्रभावितों को भोजन और इलाज मिल सके। बीआरओ ने गंगनानी के पास टूटे पुल को ठीक करने का काम शुरू किया है, और बिजली व संचार सेवाएँ जल्द बहाल होने की उम्मीद है।

एनडीआरएफ के डीआईजी गम्भीर सिंह चौहान ने बताया कि स्निफर डॉग्स और ड्रोन की मदद से मलबे में फंसे लोगों की तलाश जारी है। केंद्र सरकार ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

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