नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग पर निशाना साधा है। भारतीय राजनयिकों को पानी, गैस और अखबार जैसी बुनियादी सुविधाएँ देने से रोक दिया गया है। भारत ने इसे वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन बताया है, जो राजनयिक मिशनों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देता है। यह कदम भारत के मई 2025 में किए गए ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद उठाया गया है।
गैस और पानी की सप्लाई पर रोक
पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को गैस और साफ पानी की आपूर्ति बंद कर दी है। सीएनएन न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन्स लिमिटेड (SNGPL) ने उच्चायोग परिसर में गैस पाइपलाइन तो लगाई, लेकिन आपूर्ति जानबूझकर रोक दी। स्थानीय एलपीजी सिलेंडर विक्रेताओं को भी भारतीय कर्मचारियों को गैस बेचने से मना किया गया है। इसके अलावा, साफ मिनरल वाटर की डिलीवरी भी रोकी गई है, जिससे राजनयिकों और उनके परिवारों को भारी परेशानी हो रही है। स्थानीय नल का पानी बिना फिल्टर के पीने योग्य नहीं है, जिससे कर्मचारियों को महँगे विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं।
अखबारों पर पाबंदी, सूचना तक पहुँच सीमित
पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को स्थानीय अखबारों की आपूर्ति भी बंद कर दी है। सभी समाचारपत्र विक्रेताओं को उच्चायोग को अखबार न देने के निर्देश दिए गए हैं। भारतीय अधिकारियों ने इसे एक सोची-समझी रणनीति बताया, जिसका मकसद राजनयिकों को स्थानीय खबरों और घटनाक्रमों से दूर रखना है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की “छोटी बदले की कार्रवाई” करार दिया, जो ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सफलता से तिलमिलाई हुई है। जवाब में, भारत ने भी नई दिल्ली में पाकिस्तानी मिशन को अखबारों की आपूर्ति रोक दी है।
वियना कन्वेंशन का उल्लंघन और तनाव
भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की इन हरकतों को वियना कन्वेंशन का उल्लंघन बताया, जो राजनयिक मिशनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करता है। सूत्रों के मुताबिक, ये कदम ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में उठाए गए हैं, जिसमें भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन ने नौ आतंकी शिविरों को तबाह किया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। पाकिस्तान ने इसके जवाब में 10 मई को ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूस शुरू किया, जो मात्र आठ घंटे चला। भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 के पुलवामा हमले और बालाकोट हवाई हमलों के बाद से कोई उच्च-स्तरीय बातचीत नहीं हुई है।
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