महिला अफसरों का आरोप – IAS अधिकारी करता था रात में विडियो कॉल, देता था धमकी, करता था पीछा

Rahul Maurya

नोएडा, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के नोएडा में राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त और वरिष्ठ IAS अधिकारी पर महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न, शोषण और अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले की गोपनीय जांच की माँग की है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों ने पुष्टि की है कि शिकायत प्राप्त हुई है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह मामला तब सामने आया है, जब हाल ही में विभाग में सात अन्य अधिकारियों के निलंबन का मुद्दा चर्चा में था।

महिला कर्मचारियों का दर्दनाक बयान

महिला कर्मचारियों ने अपने पत्र में बताया कि पिछले चार महीनों से IAS अधिकारी उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और धमकी देते हैं कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई, तो नौकरी छीन ली जाएगी। पत्र में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी शामिल हैं। शिकायत के मुताबिक, अधिकारी महिला कर्मचारियों को अपने कार्यालय में बुलाकर घंटों खड़ा रखते हैं, उनकी ओर अनुचित ढंग से घूरते हैं, और रात में फोन या वीडियो कॉल करते हैं। इतना ही नहीं, वे छिपकर उनकी वीडियो बनाते हैं और विरोध करने वाली कर्मचारियों को फर्जी मामलों में फंसाने या निलंबित करने की धमकी देते हैं।

जांच की माँग

महिला कर्मचारियों ने पत्र में दुख जताते हुए कहा कि एक ओर सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर एक वरिष्ठ IAS अधिकारी उनकी अस्मिता को कुचल रहा है। 5 अगस्त को शासन को प्राप्त इस शिकायत में माँग की गई है कि स्वतंत्र जांच एजेंसी या उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग इस मामले की गोपनीय जाँच करे। कर्मचारियों का कहना है कि निष्पक्ष जाँच से शोषण और भ्रष्टाचार की सारी परतें खुल जाएँगी। शासन ने इसकी गंभीरता को देखते हुए त्वरित जाँच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

विभाग में पहले भी विवाद

यह पहली बार नहीं है जब नोएडा के राज्य कर विभाग में उत्पीड़न का मामला सामने आया है। हाल ही में सात अधिकारियों को महिला उत्पीड़न के आरोपों में निलंबित किया गया था। इस नए मामले ने विभाग में फिर से हड़कंप मचा दिया है। X पर कई यूज़र्स ने इस मामले को लेकर गुस्सा जताया है और तत्काल कार्रवाई की माँग की है। इस मामले की प्रगति पर सबकी नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह न केवल प्रशासनिक विश्वसनीयता का सवाल है, बल्कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा का भी मुद्दा है।

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