PM मोदी ने की NDA उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात, बोले- उनका अनुभव देश को करेगा समृद्ध

Rahul Maurya

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। इस दौरान PM ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं और कहा कि राधाकृष्णन का लंबा जनसेवा का अनुभव और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता देश को समृद्ध करेगी। यह मुलाकात 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले हुई, जिसके लिए नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है।

सीपी राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि

तमिलनाडु के तिरुपुर में 20 अक्टूबर 1957 को जन्मे सीपी राधाकृष्णन व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में RSS स्वयंसेवक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और 1974 में भारतीय जनसंघ की तमिलनाडु इकाई की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से सांसद (1998 और 1999) रह चुके हैं और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल हैं। उन्होंने तमिलनाडु, तेलंगाना, और पुदुच्चेरी में भी अतिरिक्त प्रभार संभाला है। उनकी सादगी, बुद्धिमत्ता, और सामुदायिक सेवा पर फोकस के लिए उनकी सराहना की जाती है।

PM मोदी की शुभकामनाएँ

प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात के बाद कहा, “सीपी राधाकृष्णन जी ने जनसेवा में अपनी प्रतिबद्धता, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से अलग पहचान बनाई है। संसद में उनकी टिप्पणियाँ हमेशा गहरी और प्रभावी रही हैं। राज्यपाल के रूप में उन्होंने आम लोगों की समस्याओं को हल करने पर ध्यान दिया। मुझे विश्वास है कि वे उपराष्ट्रपति के रूप में भी उसी समर्पण से देश की सेवा करेंगे।” यह बयान NDA की एकजुटता और राधाकृष्णन के प्रति उनके भरोसे को दर्शाता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति चुनाव की जरूरत तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद पड़ी। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उनके इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को जन्म दिया। NDA ने 7 अगस्त को एक उच्चस्तरीय बैठक में PM मोदी और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार चुनने का अधिकार सौंपा था। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और अन्य सहयोगी दलों के नेता शामिल थे।

चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को मतदान और 21 अगस्त को नामांकन की अंतिम तारीख तय की है। NDA की संसद में 422 सांसदों की ताकत के साथ राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है, क्योंकि बहुमत के लिए 391 वोट चाहिए। विपक्षी INDIA गठबंधन ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

NDA की रणनीति

NDA ने राधाकृष्णन के चयन से दक्षिण भारत में अपनी पैठ मजबूत करने का संदेश दिया है। उनकी नियुक्ति को तमिलनाडु में BJP की बढ़ती सक्रियता और क्षेत्रीय संतुलन के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। गठबंधन ने शिवसेना, JDU, TDP, और LJP जैसे सहयोगी दलों का समर्थन पहले ही हासिल कर लिया है। BJP ने मतदान से पहले अपने सांसदों के लिए प्रशिक्षण और मॉक ड्रिल की योजना भी बनाई है ताकि ‘वोट अनुशासन’ सुनिश्चित हो।

Read Also: पूर्व CJI संजीव खन्ना ने उठाए सवाल, निर्वाचन आयोग की शक्तियों पर जताई चिंता

error: Content is protected !!