नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: भारत की टैक्स व्यवस्था में एक और क्रांति की शुरुआत होने वाली है। 1 जुलाई 2017 को शुरू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत सरकार अब तक का सबसे बड़ा सुधार लाने की तैयारी में है। मौजूदा 5 स्लैब (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर 2 या 3 स्लैब करने की योजना है। 12% और 28% स्लैब खत्म हो सकते हैं, जबकि सिगरेट और ऑनलाइन गेमिंग जैसे ‘सिन गुड्स’ के लिए नया 40% स्लैब लाया जा सकता है। इस बदलाव से AC, सीमेंट, कारें, और रसोई का सामान सस्ता होगा, लेकिन सिगरेट और गेमिंग महँगी हो सकती हैं।
नया GST ढाँचा: क्या बदलेगा?
सूत्रों के अनुसार, सरकार GST को सरल और उपभोक्ता-अनुकूल बनाने के लिए निम्नलिखित ढाँचा तैयार कर रही है:
- निचला स्लैब (5%): रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुएँ और सेवाएँ, जैसे खाद, कीटनाशक, और रसोई का सामान।
- मुख्य स्लैब (18%): अधिकांश वस्तुएँ और सेवाएँ, जैसे AC, फ्रिज, कारें, और सीमेंट।
- सिन स्लैब (40%): सिगरेट, तंबाकू, और ऑनलाइन गेमिंग जैसी चीज़ें।
इसका मतलब है कि 28% स्लैब में आने वाली चीज़ें, जैसे AC और सीमेंट, अब 18% में आ सकती हैं, जबकि 12% स्लैब की चीज़ें, जैसे घी और इंस्टेंट नूडल्स, 5% में जा सकती हैं।
आम आदमी को राहत: क्या-क्या सस्ता होगा?
नए GST ढाँचे से कई ज़रूरी सामान और सेवाएँ सस्ती होने की उम्मीद है, जो आम आदमी की जेब को राहत देगा:
- AC, फ्रिज, और घरेलू उपकरण: 28% से 18% टैक्स घटने से ₹40,000 का AC ₹3,000-4,000 सस्ता हो सकता है।
- कार और बाइक: ऑटो सेक्टर में 28% से 18% टैक्स घटने से ₹10 लाख की कार पर ₹80,000-1 लाख की बचत हो सकती है।
- सीमेंट: 28% से 18% टैक्स घटने से घर बनाना सस्ता होगा, जिससे ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ मिशन को बल मिलेगा।
- रसोई का सामान: घी, मक्खन, जैम, और नूडल्स जैसे उत्पादों पर 12% से 5% टैक्स घटेगा, जिससे मासिक राशन बिल कम होगा।
- होटल और पर्यटन: ₹7,500 से कम किराए वाले होटलों पर 12% से 5% टैक्स घटेगा, जिससे छुट्टियाँ सस्ती होंगी।
- किसानों को राहत: खाद और कीटनाशकों पर 18% से 5% टैक्स घटने से खेती की लागत कम होगी।
- इंश्योरेंस और जूते-चप्पल: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर 18% से 5% या 0% टैक्स हो सकता है, और जूते-चप्पल भी सस्ते होंगे।
इन पर पड़ेगा बोझ: सिन गुड्स महँगे
कुछ चीज़ों पर टैक्स बढ़ाकर सरकार सामाजिक और स्वास्थ्य लक्ष्यों को हासिल करना चाहती है:
- सिगरेट और तंबाकू: 28% से बढ़कर 40% टैक्स हो सकता है, ताकि इनका उपयोग कम हो और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
- ऑनलाइन गेमिंग: इसे ‘सिन गुड्स’ में शामिल कर 40% टैक्स लग सकता है, जो गेमिंग कंपनियों और गेमर्स के लिए झटका होगा।
किसे होगा फायदा?
- उपभोक्ता सामान कंपनियाँ: AC, फ्रिज, और वाशिंग मशीन जैसी चीज़ें सस्ती होने से बिक्री बढ़ेगी।
- ऑटो सेक्टर: कार और बाइक की कीमतें घटने से ऑटो इंडस्ट्री में उछाल आएगा, जिसका फायदा स्टील और टायर कंपनियों को भी होगा।
- रियल एस्टेट: सीमेंट सस्ता होने से निर्माण लागत कम होगी, जिससे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।
- FMCG सेक्टर: रसोई के सामान पर टैक्स कम होने से HUL और ITC जैसी कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी।
- कृषि और पर्यटन: खाद-कीटनाशक और होटल सस्ते होने से किसानों और पर्यटन उद्योग को फायदा होगा।
- इंश्योरेंस: सस्ता प्रीमियम बीमा की पहुँच बढ़ाएगा, जिससे सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी।
कुछ व्यापारियों और छोटे उद्यमियों ने चिंता जताई है कि स्लैब कम होने से टैक्स गणना जटिल हो सकती है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने 40% टैक्स को ‘अनुचित’ बताया, क्योंकि यह स्टार्टअप्स और युवा गेमर्स को प्रभावित करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सिन टैक्स से राजस्व बढ़ेगा, लेकिन इसका असर उपभोक्ता खर्च पर पड़ सकता है।
अर्थव्यवस्था को नई दिशा
GST का यह सुधार केवल टैक्स दरों का बदलाव नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को गति देने और सामाजिक लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश है। सस्ती ज़रूरी वस्तुएँ माँग बढ़ाएँगी, जबकि सिन गुड्स पर भारी टैक्स स्वास्थ्य और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देगा। यह बदलाव 2026 में लागू हो सकता है, जिसके लिए GST परिषद की अगली बैठक में फैसला लिया जाएगा।
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