शिमला, राष्ट्रबान: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश, बादल फटने, और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। कुल्लू, मंडी, किन्नौर, और चंबा जैसे जिलों में बाढ़ और मलबे ने घर, सड़कें, और पुलों को नष्ट कर दिया। कई लोग मारे गए, दर्जनों लापता हैं, और सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
भुभु जोत में बादल फटने से बाढ़
मंडी और कुल्लू जिलों में भुभु जोत की पहाड़ी पर बादल फटने से भारी तबाही हुई। मंडी की चौहारघाटी और कुल्लू की लगवैली में बाढ़ का पानी दो हिस्सों में बँटकर कई गाँवों में घुस गया। चौहारघाटी की तरसावण और सिल्हबुधाणी पंचायतें बुरी तरह प्रभावित हुईं, जहाँ कोरतंग और कुंगड़ी नालों में अचानक आई बाढ़ ने एक दुकान, पाँच पैदल पुल, दो मछली फार्म, और कपलधार गहरी मंदिर की सराय को बहा दिया। कुल्लू की लगवैली में कड़ौण और तेलंग गाँवों में दो मकान, दो पुल, तीन दुकानें, और एक मोटरबाइक बाढ़ की चपेट में आ गए। मणिकर्ण घाटी के रशोल गाँव में भूस्खलन से एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई।
किन्नौर में कैलास यात्रा पर त्रासदी
किन्नौर जिले में किन्नर कैलास यात्रा के दौरान भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया। गाजियाबाद के एक श्रद्धालु, गौरव पुत्र दिलीप कुमार, बाढ़ में बह गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगा दी। इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में दो अन्य श्रद्धालुओं की बाढ़ में मौत हो चुकी थी। किन्नौर के पूह नाले में बादल फटने से सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे रामपुर बाजार को खाली कराना पड़ा।
भूस्खलन से सड़कें और हाईवे ठप
भारी बारिश और भूस्खलन ने हिमाचल की सड़कों को बुरी तरह प्रभावित किया है। बिलासपुर में कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन हाईवे थापना के पास टनल नंबर दो पर भूस्खलन के कारण बंद हो गया। मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे झलोगी और दवाड़ा के पास मलबा आने से अवरुद्ध रहा। चंडीगढ़-मनाली हाईवे भी कई जगहों पर बंद हो गया, जिससे सैकड़ों वाहन फँस गए। शिमला, कुल्लू, और सिरमौर में कुल 493 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन नेशनल हाईवे शामिल हैं।
गंगोत्री हाईवे पर दर्दनाक हादसा
उत्तराखंड के डबराणी में गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन ने दो युवकों की जान ले ली। पाँच अगस्त को धराली में आई आपदा के बाद से हाईवे बंद था, और नई कटिंग का काम चल रहा था। मंगलवार को सात युवकों का एक दल इस रास्ते से गुजर रहा था, तभी भूस्खलन की चपेट में सुक्की गाँव के अरुण (29) और मनीष (24) दब गए। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। धराली और हर्षिल में भारतीय सेना और एनडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी है, और भागीरथी नदी में बनी झील को चैनलाइज करने का काम शुरू हो गया है।
चशोती में मृतकों की संख्या बढ़ी
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती गाँव में बादल फटने की त्रासदी में मंगलवार को दो और शव बरामद हुए, जिसके बाद मृतकों की संख्या 66 हो गई। सेना, एनडीआरएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस अभी भी लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लापता लोगों के जीवित मिलने की उम्मीद कम है, लेकिन शवों को निकालकर परिवारों को सौंपने का प्रयास जारी है।
भाखड़ा बांध के फ्लड गेट खोले गए
पहाड़ों पर लगातार बारिश के कारण पंजाब में भाखड़ा बांध का जलस्तर बढ़ गया है। मंगलवार को भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने चार फ्लड गेट खोलकर 45,000 क्यूसेक पानी छोड़ा। आधा पानी सतलुज नदी में और आधा नहरों में भेजा गया। रूपनगर के डीसी ने लोगों से घबराने की जरूरत न होने की अपील की है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 23 से 25 अगस्त तक हिमाचल के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बादल फटने, अचानक बाढ़, और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। मंडी में पंडोह बांध से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
राहत और बचाव कार्य तेज
प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। मंडी में ज्यूनी खड्ड और सिरमौर में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कांगड़ा में पौंग बांध से 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र से पर्यावरणीय बदलावों के अध्ययन के लिए सहायता माँगी है। इस मॉनसून सीजन में अब तक 247 लोगों की मौत हो चुकी है, और 2,104 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
Read also: CM मोहन यादव ने मध्य प्रदेश को मिल्क कैपिटल बनाने का किया ऐलान, गाय का दूध खरीदेगी सरकार