Archana Tiwari Case: ट्रेन से लापता अर्चना तिवारी नेपाल बॉर्डर के पास बरामद, कई सवालों का जवाब बाकी

Rahul Maurya

    Archana Tiwari Case: मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली 28 वर्षीय अधिवक्ता और सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी को 12 दिन बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल बॉर्डर के पास पलियाकलां से सकुशल बरामद कर लिया गया है। अर्चना 7 अगस्त 2025 को इंदौर से कटनी जाने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस की B-3 कोच में सवार हुई थीं, लेकिन रास्ते में रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थीं। मंगलवार सुबह उनके मुंहबोले भाई और कटनी यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा को अर्चना का फोन आया, जिसमें उन्होंने अपनी सलामती की जानकारी दी। इस खबर से परिवार ने राहत की सांस ली, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं।

    पुलिस की तलाश और बरामदगी

    भोपाल रेलवे पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को लखीमपुर खीरी में नेपाल बॉर्डर के पास से बरामद किया गया है। पुलिस पिछले तीन दिनों से इस क्षेत्र में उनकी तलाश कर रही थी, क्योंकि सूचना मिली थी कि वह नेपाल जाने की कोशिश में हो सकती हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह वहाँ कैसे पहुँचीं और इस दौरान उनके साथ क्या हुआ। पुलिस ने अर्चना को भोपाल लाने के लिए एक टीम भेजी है, और बुधवार को उनकी पूछताछ के बाद मामले की पूरी तस्वीर सामने आने की उम्मीद है। अर्चना के परिवार को भी भोपाल बुलाया गया है।

    क्या अर्चना के साथ कोई और था?

    पुलिस ने अभी तक यह नहीं बताया कि अर्चना के साथ किसी और को बरामद किया गया है या नहीं। लोढ़ा ने कहा कि पूछताछ के बाद ही इस सवाल का जवाब मिलेगा। कुछ खबरों में ग्वालियर के एक पुलिस कांस्टेबल राम तोमर का नाम सामने आया है, जिसने अर्चना का ट्रेन टिकट बुक कराया था। पुलिस ने राम तोमर से पूछताछ की, क्योंकि वह पिछले दो साल से अर्चना के संपर्क में था। हालांकि, लोढ़ा ने स्पष्ट किया कि कांस्टेबल का अर्चना की गुमशुदगी में कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है।

    अर्चना की गुमशुदगी का रहस्य

    अर्चना तिवारी, जो इंदौर में रहकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में प्रैक्टिस करती थीं और सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं, रक्षाबंधन के लिए अपने परिवार से मिलने कटनी जा रही थीं। 7 अगस्त को रात 10:16 बजे उन्होंने अपनी मौसी से फोन पर बात की थी, जब ट्रेन भोपाल के पास थी। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। उनकी आखिरी लोकेशन नर्मदापुरम जिले के नर्मदा रेलवे ब्रिज के पास मिली थी।

    पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, 50 से अधिक सहयात्रियों से पूछताछ, और साइबर डेटा की जाँच की। अर्चना का बैग उमरिया स्टेशन पर मिला, जिसमें राखी और गिफ्ट्स थे, लेकिन वह खुद गायब थीं। परिवार ने मानव तस्करी की आशंका जताते हुए सीबीआई जाँच की माँग की थी। कुछ स्थानीय संगठनों ने उनकी तलाश के लिए 51,000 रुपये के इनाम की घोषणा भी की थी।

    पुलिस की सक्रियता और सवाल

    पुलिस ने इंदौर से कटनी तक के रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले, नर्मदा नदी के किनारों पर तलाशी ली, और होम गार्ड व एसडीआरएफ की मदद ली। एक समय ऐसा लगा कि अर्चना नर्मदा नदी में बह गई हों, लेकिन मंगलवार को उनके फोन कॉल ने इस आशंका को खारिज कर दिया। पुलिस ने दिल्ली और ग्वालियर में भी तलाश की थी, क्योंकि कुछ सुराग वहाँ की ओर इशारा कर रहे थे।

    हालांकि, कई सवाल अब भी बाकी हैं। अर्चना भोपाल से लखीमपुर खीरी कैसे पहुँचीं? क्या उन्होंने स्वेच्छा से ट्रेन छोड़ी थी? क्या कोई अन्य व्यक्ति इस मामले में शामिल है? इन सवालों के जवाब के लिए पुलिस अर्चना की पूछताछ का इंतजार कर रही है।

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