Burhanpur News: नागरिक साख सहकारी समिति में नौ करोड़ का गबन कर कैशियर ने बनाया आलीशान मकान

Rashtrabaan
Highlights
  • संचालक व कैशियर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बुरहानपुर,राष्ट्रबाण। नेपानगर सहकारी बैंक में हुए करीब नौ करोड़ रुपये के गबन मामले में एक चौका देने वाला वाक्या सामने आया है दरअसल 9 करोड़ का गबन करने के मामले में पुलिस ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें नेपानगर नागरिक सहकारी बैंक का कैशियर सुरेश वानखेड़े और बैंक का संचालक बसंत पंवार निवासी नेपानगर शामिल हैं। गबन करने वाले कैशियर के हौसले इतने बुलंद थे कि उसने गबन के राशी से ही आलीशान मकान बना लिया। करोड़ो के गबन मामले में
पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि आरोपित कैशबुक में वाइटनर लगा कर खाता धारकों की जमा राशि और विद्युत वितरण कंपनी के बिल कलेक्शन की राशि का हेरफेर करते थे। खाता धारकों की जमा राशि नहीं लौटाने पर नेपानगर पुलिस ने दिसंबर 2022 में गबन और धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में सहकारी बैंक के संचालकों व कर्मचारियों को मिला कर कुल 16 लोगों को आराेपित बनाया गया है। इनमें से दो आरोपितों तत्कालीन बैंक संचालक भीमराव वानखेड़े और लेखापाल मुकेश तायड़े को पुलिस पहले ही रिफ्तार कर चुकी है। एक आरोपित की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 11 आरोपित फरार चल रहे हैं। पुलिस ने बताया की गबन का यह मामला वर्ष 2017 से 2022 के बीच का है। अब तक की जांच में 8.85 करोड़ रुपये के गबन की बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी ने बिल वसूली के लिए सहकारी बैंक से अनुबंध किया था। विभिन्न सर्कल से एजेंटों द्वारा नकद राशि व चेक लाकर जमा कराए जाते थे। इस राशि में से आरोपित कैशियर, शाखा प्रबंधक व अन्य लोग कुछ राशि निकाल लेते थे। हिसाब में रकम कम पड़ने पर दूसरे दिन के कलेक्शन में से राशि जमा कर देते थे। आडिट के समय वाइटनर लगाकर पूरी राशि ही हड़प जाते थे। इसके अलावा खाता धारकों द्वारा जमा कराई गई राशि व फिक्स डिपाजिट की गई रकम में भी आरोपितों ने सेंध लगाई। धीरे-धीरे गबन की राशि बढ़ कर करीब नौ करोड़ हो गई। खाता धारकों ने जब जमा राशि वापस मांगनी शुरू की तो पता चला कि बैंक के पास राशि ही नहीं है। पुलिस जांच से पूरे घोटाले का पर्दाफाश हो गया।
यह आरोपी चल रहे फरार…
नागरिक सहाकारी बैंक के प्रबंधक सुभाष यादव, तत्काली प्रबंधक शैलेंद्र मांडले, लिपिक विजय प्रकाश शर्मा, योगेश महाजन, राकेश जाधव, लेखापाल सुधीर महाजन, बैंक के उपाध्यक्ष सुभाष पाटिल, सुमन बाई खरते, संचालक अशोक चौधरी, राजेंद्र महोदय, रमेश सिंग, संध्या सिंग अब भी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
कैशियर के पुत्र ने गबन के 17.60 लाख रुपये सहकारी बैंक में जमा कराए हैं। इसके अलावा अन्य आरोपितों द्वारा भी गबन की राशि से खरीदी गई चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है।

- Advertisement -

Share This Article
Leave a comment
error: Content is protected !!