सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर नया फैसला, नसबंदी के बाद छोड़ने का आदेश

Rahul Maurya
सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर नया फैसला

    नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले में आज अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने 11 अगस्त के आदेश को पलटते हुए कहा कि सभी स्वस्थ कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाए। केवल हिंसक और रेबीज से ग्रसित कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। साथ ही, कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगा दी और इसके लिए विशेष स्थान बनाने का निर्देश दिया। यह आदेश न केवल दिल्ली, बल्कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होगा, जिन्हें इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।

    कोर्ट का नया आदेश और दिशानिर्देश

    जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता, और एन.वी. अंजरिया की तीन जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने 11 अगस्त के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने और सड़कों पर वापस न छोड़ने का निर्देश था। नए फैसले में कोर्ट ने कहा कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उनके मूल स्थान पर छोड़ना होगा, क्योंकि यह पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के अनुरूप है। यह नियम कुत्तों को उनके क्षेत्र से हटाने की अनुमति नहीं देता और सामुदायिक पशुओं के रूप में उनकी देखभाल की वकालत करता है।

    कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई, जो एबीसी नियमों को लागू करने में विफल रहा। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्र में कुत्तों को खाना देने के लिए विशेष स्थान बनाए जाएँ, जहाँ नियमों का पालन हो। सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाने से कुत्तों की आक्रामकता और क्षेत्रीय विवाद बढ़ते हैं, जिससे हमले की घटनाएँ होती हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का आदेश दिया।

    दिल्ली में कुत्तों की स्थिति

    दिल्ली में अनुमानित 10 लाख आवारा कुत्ते हैं, लेकिन शेल्टर होम की क्षमता केवल 5,000 कुत्तों की है। 2024 में भारत में 37 लाख कुत्तों के काटने के मामले दर्ज हुए, जिनमें से दिल्ली में 26,000 मामले थे। हालांकि, कोर्ट में पेश आँकड़ों के अनुसार, 2025 में दिल्ली में रेबीज से कोई मौत नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में भीड़भाड़ नहीं होनी चाहिए और कुत्तों के साथ क्रूरता नहीं होनी चाहिए। बीमार या आक्रामक कुत्तों को अलग रखने और नियमित चिकित्सा सुविधा देने का निर्देश दिया गया।

    Read also: लव जिहाद: ओवैस कुरैशी ने अवि बनकर की दोस्ती, मारपीट के बाद युवती ने तीसरी मंजिल से लगाई छलांग

    error: Content is protected !!