नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि आधार कार्ड को नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता। ये टिप्पणी बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया के दौरान आई, जिसमें मतदाता सूची से 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड सिर्फ पहचान के लिए इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन ये ये साबित नहीं करता कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है।
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ आधार अधिनियम के दायरे में होना चाहिए। कोर्ट ने 2018 के पुट्टास्वामी केस का हवाला दिया, जिसमें साफ किया गया था कि आधार नंबर किसी की नागरिकता का सबूत नहीं है। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर वेरिफिकेशन के लिए दस्तावेजों में आधार को शामिल किया जाता है, तो उसे चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य दस्तावेजों के साथ ही इस्तेमाल करना होगा।
बिहार में SIR का विवाद
बिहार में चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से 65 लाख लोगों के नाम हटा दिए। आयोग का कहना है कि आधार कार्ड को नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता, इसलिए अन्य दस्तावेजों के आधार पर ये कार्रवाई की गई। इस फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। RJD की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में पक्ष रखा। उनका कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर नाम हटाना गलत है और इससे कई लोग अपने वोटिंग अधिकार से वंचित हो सकते हैं।
पुट्टास्वामी केस का जिक्र
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2018 के पुट्टास्वामी केस का जिक्र किया। इस केस में पांच जजों की बेंच ने आधार अधिनियम की धारा 9 के तहत साफ किया था कि आधार कार्ड किसी व्यक्ति की नागरिकता या भारतीय होने का सबूत नहीं देता। कोर्ट ने कहा कि वो इस फैसले से आगे नहीं जा सकता। इसका मतलब है कि आधार सिर्फ पहचान पत्र के तौर पर मान्य है, न कि नागरिकता साबित करने के लिए।
लोगों पर क्या होगा असर?
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बिहार के साथ-साथ पूरे देश में आधार कार्ड के इस्तेमाल को लेकर चर्चा छेड़ सकता है। कई लोग आधार को हर तरह के दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब उन्हें नागरिकता साबित करने के लिए पासपोर्ट, वोटर ID या जन्म प्रमाणपत्र जैसे अन्य दस्तावेज दिखाने होंगे। बिहार में SIR के तहत नाम हटाए जाने से कई लोग परेशान हैं। RJD का कहना है कि ये कार्रवाई गरीब और कमजोर वर्ग को निशाना बना रही है।
Read also: SCO समिट के बाद ट्रंप का दावा: भारत ने अमेरिका को दिया टैरिफ घटाने का प्रस्ताव