नेपाल (Nepal) में दो दिवसीय आंदोलन ने पड़ोसी देशों तक मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आंदोलन की वजह से भैरहवा का गौतम बुद्ध घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है। इसके चलते सैकड़ों भारतीय पर्यटक और यात्री नेपाल में फंसे हुए हैं। खासकर पोखरा और काठमांडू के कई होटल भारतीय पर्यटकों से खचाखच भरे हुए हैं, जो कर्फ्यू और यातायात बंदी की वजह से भारत लौट नहीं पा रहे। इस बीच नेपाल का भंसार बंद होने से भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली बॉर्डर पर करीब आठ किलोमीटर लंबा जाम लग गया है।
हजारों भारतीय पर्यटक फंसे
होटल मालिकों के मुताबिक, पोखरा में करीब 800 और काठमांडू में लगभग 2000 भारतीय पर्यटक फंसे हुए हैं। नेपाल प्रशासन से उन्हें सूचीबद्ध कर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है ताकि समय आने पर इन्हें सुरक्षित सीमा तक पहुंचाया जा सके। हालांकि एयरपोर्ट बंद होने और कर्फ्यू की वजह से पर्यटकों की वापसी फिलहाल मुश्किल हो गई है।
होटल से बाहर निकलना भी मुश्किल
फंसे हुए पर्यटकों का कहना है कि कर्फ्यू के कारण वे अपने होटल से बाहर तक नहीं निकल पा रहे। दूसरी ओर, भारत से नेपाल माल ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टर भी परेशान हैं। गोदामों से सामान निकालने पर रोक लगी हुई है, जिससे भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है। सोनौली, नौतनवा और अन्य नाकों पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की सख्त चौकसी के बीच नेपाली मालवाहकों और पैदल यात्रियों को कड़ी जांच के बाद ही आवागमन की अनुमति मिल रही है।
सीमा पर 8 किलोमीटर लंबा जाम
नेपाल-भारत सीमा पर स्थित बेलहिया भंसार मंगलवार को कुछ घंटों के लिए खोला गया था, लेकिन हालात तनावपूर्ण होने पर इसे दोबारा बंद कर दिया गया। इससे सोनौली बॉर्डर पर मालवाहक ट्रकों की आठ किलोमीटर लंबी कतार लग गई। व्यापारियों के साथ-साथ आम लोग और पर्यटक भी इससे प्रभावित हुए हैं। नेपाल के प्रमुख हिस्सों में कर्फ्यू और सुरक्षा नाकेबंदी के कारण सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और सख्त कर दी गई है।
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश
मंगलवार की शाम को प्रदर्शनकारी सोनौली सीमा से सटे बेलहिया नेपाल गेट तक पहुंच गए। उन्होंने बेलहिया पुलिस चौकी पर ईंट फेंकी और “ओली देश छोड़ो” का नारा लगाया। प्रशासन ने स्थिति बिगड़ने से पहले ही बेलहिया भंसार भवन को बंद कर दिया। सीमित जगह और भारी भीड़ के कारण केवल कुछ वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। पेट्रोलियम वाहनों को परिसर में रोक दिया गया है, जिससे ईंधन की किल्लत बढ़ गई है। कई पंपों पर पेट्रोल-डीजल खत्म होने की स्थिति है।
ट्रक ड्राइवरों की परेशानी
चार-पांच दिन से बॉर्डर पर फंसे ट्रक चालकों की स्थिति गंभीर हो गई है। बंगाल से माल लेकर आए चालक रामविलास ने बताया कि वह चार दिन से सोनौली में अटके हैं और अब पैसों की कमी झेल रहे हैं। वाराणसी से कोयला लेकर पहुंचे संभाजीत यादव की पत्नी बीमार हैं, लेकिन गाड़ी नेपाल नहीं जा पा रही। नासिक से सीमेंट पाउडर लेकर आए चालक मोहम्मद रईस भी चार दिन से जाम में फंसे हैं। सड़क किनारे शौच और खाने-पीने की दिक्कतों ने चालकों की परेशानी बढ़ा दी है।
धारा 144 और अलर्ट
नेपाल के रुपन्देही जिले में कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू है। पड़ोसी देश की स्थिति को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं। सोनौली समेत सभी सीमा नाकों पर कड़ी जांच की जा रही है। एसएसबी और पुलिस की टुकड़ियां डॉग स्क्वॉड और सीसीटीवी कैमरों की मदद से चौकसी बढ़ा रही हैं।
व्यापार और बाजार प्रभावित
भंसार बंद होने से नेपाल में खाद्य सामग्री, सब्जियां और आवश्यक वस्तुएं पहुंच नहीं पा रही हैं। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है। सोनौली, बरगदवा और ठूठीबारी जैसे सीमावर्ती बाजारों में नेपाली ग्राहकों की कमी से सन्नाटा पसरा है। व्यापारी दशहरा-दीपावली के लिए मंगाए गए माल के खराब होने की आशंका जता रहे हैं।
भारतीय सीमा के होटल खचाखच भरे
नेपाल में अशांति का असर पर्यटन पर भी दिख रहा है। जो पर्यटक नेपाल नहीं जा पा रहे, वे भारतीय सीमा के होटलों में ठहरे हुए हैं। इंडो-नेपाल होटल के मालिक सरदार कवलजीत सिंह ने बताया कि सभी कमरे बुक हैं। बंगाल से आए 25 सदस्यीय दल होटल में रुका है। दल के गाइड संजीव चटर्जी का कहना है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो वे समूह को उत्तराखंड ले जाएंगे।
नेपाल में आंदोलन और अस्थिरता ने भारत-नेपाल सीमा पर व्यापार, पर्यटन और आम जनजीवन सबको प्रभावित कर दिया है। अब सभी की नजरें प्रशासनिक प्रयासों और सुरक्षा इंतजामों पर हैं, ताकि हालात सामान्य हो सकें और फंसे हुए लोग सुरक्षित लौट सकें।
Read Also : 20 मौतों के बाद गृह मंत्री का इस्तीफा, सोशल मीडिया बैन हटा, क्या सफल हुए Gen-Z प्रोटेस्ट?