ED की दिल्ली-एनसीआर से चेन्नई तक छापेमारी, 346 करोड़ के हाइथ्रो पावर बैंक घोटाले में बड़ा खुलासा

Rahul Maurya

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज एक बड़े बैंक फ्रॉड मामले में कई शहरों में ताबड़तोड़ छापे मारे। हाइथ्रो पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) से जुड़े 346 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और बेंगलुरु में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। एजेंसी को शक है कि कंपनी के डायरेक्टर्स ने फंड्स की हेराफेरी की और बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया।

घोटाले का पूरा खेल

ये मामला 2009 से 2015 के बीच का है। HPCL और उसके प्रमोटर्स अमूल गबरानी व अजय कुमार बिश्नोई पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों के कंसोर्टियम से लोन लेकर पैसे को अपनी ग्रुप कंपनियों में डायवर्ट कर दिया। सीबीआई ने 4 फरवरी 2025 को FIR दर्ज की थी, जिसके आधार पर ED ने कार्रवाई शुरू की। कंपनी पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के सेक्टर में काम करती थी, लेकिन लोन चुकाने में नाकाम रही। 2015 में इसे NPA घोषित किया गया और 2024 में RBI ने फ्रॉड कैटेगरी में डाला।

कितना नुकसान हुआ बैंकों को?

घोटाले की कुल रकम 346.08 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसमें शामिल हैं:

  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB): 168.07 करोड़ रुपये
  • ICICI बैंक: 77.81 करोड़ रुपये
  • कोटक महिंद्रा बैंक: 44.49 करोड़ रुपये
  • यूनियन बैंक: 55.71 करोड़ रुपये

कंपनी ने PNB के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 165.71 करोड़ का लोन लिया, लेकिन रिस्ट्रक्चरिंग के बावजूद डिफॉल्ट कर गया। ED के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि फर्जी जॉब वर्क, बकाया राशि और सर्कुलर ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे घुमाए गए। ग्रुप कंपनियां जैसे अवध ट्रांसफॉर्मर्स, G.E.T. पावर, रिवॉल्यूशन इन्फोकॉम और टेकप्रोइंजीनियरिंग में फंड्स ट्रांसफर किए गए।

कहां-कहां पड़े छापे?

ED की गुरुग्राम जोनल टीम ने सुबह से एक्टिव हो गई। दिल्ली-एनसीआर में 5 ठिकानों पर, चेन्नई में 3 जगहों पर और बेंगलुरु में 1 लोकेशन पर सर्च चलाया गया। ये रेड HPCL और उसके प्रमोटर्स से जुड़े पते पर मारे गए। एजेंसी को उम्मीद है कि इन छापों से हेराफेरी के अहम सबूत मिलेंगे। IPC की धाराओं के साथ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज है।

आगे की जांच

ED का कहना है कि ये एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें कंपनी ने संपत्तियों का दुरुपयोग किया। बैंकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगे की कार्रवाई होगी। ये घोटाला बैंकिंग सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है। फिलहाल, छापेमारी जारी है और ज्यादा डिटेल्स जल्द सामने आ सकती हैं।

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