मुंबई, राष्ट्रबाण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर जहां भाजपा कार्यकर्ता उत्साह के साथ सेवा पखवाड़ा मना रहे हैं, वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने तीखा तंज कसा है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा गया कि देश में गरीबी और बेरोजगारी चरम पर है, ऐसे में जन्मदिन का जश्न मनाने से पहले इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। शिवसेना ने सवाल उठाया कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देना क्या गर्व की बात है?
‘सामना’ में सवाल
‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया कि किसी भी दल को अपने नेता का जन्मदिन मनाने का हक है, लेकिन देश की हालत पर भी गौर करना जरूरी है। लेख में कहा गया, “पीएम मोदी 11 साल से सत्ता में हैं। उनके समर्थकों को यह सोचना चाहिए कि इस दौरान देश ने क्या हासिल किया। 80 करोड़ लोगों को हर महीने 10 किलो राशन देना पड़ता है। यह बताता है कि देश की आधी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। क्या यह गर्व का विषय है?” शिवसेना ने पीएम के जन्मदिन को लेकर सवाल किया कि क्या जनता की शुभकामनाएं स्वीकार करने का माहौल है?
बेरोजगारी पर निशाना
संपादकीय में बेरोजगारी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया। शिवसेना ने दावा किया कि पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन 11 साल में 10 लाख नौकरियां भी नहीं दी गईं। लेख में लिखा गया, “विपक्ष इस दिन को बेरोजगार दिवस के रूप में मना रहा है। यह सरकार के वादों की हकीकत दिखाता है।” युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक असमानता को शिवसेना ने देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा बताया।
80 करोड़ को राशन उपलब्धि या मजबूरी?
‘सामना’ ने मुफ्त राशन योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग अगर मुफ्त राशन पर निर्भर हैं, तो यह देश की आर्थिक स्थिति की गंभीर तस्वीर पेश करता है। संपादकीय में लिखा गया, “पीएम मोदी इसे अपनी उपलब्धि बताते हैं, लेकिन यह भारत जैसे देश के लिए शर्मिंदगी की बात है। गरीबी और भुखमरी को खत्म करने के बजाय, सरकार इसे जश्न की तरह पेश कर रही है।” शिवसेना ने केंद्र से गरीबी और बेरोजगारी पर ठोस कदम उठाने की मांग की।
राजनीतिक तंज का मकसद
उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस तंज के जरिए केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह बयान राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। शिवसेना का कहना है कि सरकार को उत्सव मनाने की बजाय जनता की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। इस बीच, भाजपा ने इन टिप्पणियों को विपक्ष की हताशा करार दिया है।
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