भिलाई, राष्ट्रबाण: छत्तीसगढ़ में 140 करोड़ रुपये के चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाले की जांच तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह पूर्व IAS अधिकारी आलोक शुक्ला के भिलाई स्थित हुडको और तलपुरी आवासों पर एक साथ छापेमारी की। ED टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि ये सबूत मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क को उजागर कर सकते हैं। घोटाला कस्टम मिलिंग में गड़बड़ी और वित्तीय हेराफेरी से जुड़ा है।
छापेमारी का विवरण
ED की कार्रवाई सुबह करीब साढ़े 5 बजे शुरू हुई। टीम ने आलोक शुक्ला के दोनों घरों पर पहुंचकर तलाशी ली। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने कागजात, कंप्यूटर और मोबाइल डेटा जब्त किया। शुक्ला से पूछताछ भी की गई। ED का कहना है कि ये सबूत संदिग्ध लेन-देन और मनी ट्रेल की कहानी खोलेंगे। घोटाले में कस्टम मिलिंग अनुबंधों में अनियमितताएं और सरकारी फंड का दुरुपयोग शामिल है।
NAN घोटाले का बैकग्राउंड
NAN घोटाला छत्तीसगढ़ में पिछले साल सामने आया था। इसमें 140 करोड़ रुपये के सरकारी फंड का गबन हुआ। पूर्व IAS अधिकारी आलोक शुक्ला पर मुख्य आरोपी होने का शक है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने पहले कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। ED ने PMLA के तहत जांच संभाली है। घोटाले में मिलिंग कंपनियों को अनुचित लाभ और फर्जी बिलिंग का आरोप है।
राजनीतिक संवेदनशीलता
यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। शुक्ला पूर्व अधिकारी हैं और कई विभागों में रहे। ED की कार्रवाई से सियासी हलचल बढ़ गई है। विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगाया, जबकि सत्ताधारी दल ने जांच का समर्थन किया। ED ने कहा कि जांच में और नाम सामने आ सकते हैं।
ED ने जब्त दस्तावेजों की स्कैनिंग शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में और छापेमारियां संभव हैं। घोटाले से जुड़े अन्य अधिकारियों और कंपनियों पर नजर है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी EOW को निर्देश दिए हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि दोषियों को सजा मिले।
Read also: कैलिफोर्निया में भारतीय इंजीनियर की मौत, रूममेट से झगड़े में पुलिस ने चलाईं 4 गोलियां