EVM पर दिग्विजय सिंह का सवाल, क्या हम चुनाव हैकर्स के भरोसे छोड़ दें?

Rahul Maurya

    नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि क्या देश के चुनावों को हैकर्स के भरोसे छोड़ देना चाहिए? उन्होंने मांग की कि EVM की जगह बैलट पेपर से वोटिंग हो और VVPAT की पर्ची मतदाताओं को दी जाए।

    दिग्विजय सिंह ने क्यों उठाया मुद्दा?

    दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज़ रिपोर्ट शेयर की, जिसमें दावा किया गया कि इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए दुनियाभर के चुनावों में हेरफेर हो रहा है। इस आधार पर उन्होंने भारत में EVM की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “आज के डिजिटल युग में क्या हम अपने चुनावों को हैकर्स के हवाले कर सकते हैं? सोचिए।” इसके साथ ही उन्होंने VVPAT पर्ची मतदाताओं को देने की मांग की, ताकि वोट की पारदर्शिता बनी रहे।

    राहुल गांधी ने भी बोला हमला

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची से हजारों वोट गायब किए गए। कर्नाटक के अलंद में 6000 से ज्यादा वोट डिलीट करने की कोशिश का दावा करते हुए राहुल ने कहा, “चुनाव का चौकीदार चोरी देखता रहा और चोरों को बचाता रहा।” उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें बताया गया कि सुबह 4 बजे ऑनलाइन आवेदन देकर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए।

    विपक्ष का दबाव

    दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी के बयानों ने EVM और चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों के अभियान को और हवा दी है। कांग्रेस का कहना है कि मतदाताओं को अपने वोट की पुष्टि करने का हक है, और VVPAT पर्ची देना इसका आसान तरीका है।

    यह विवाद चुनाव आयोग के लिए नई चुनौती बन सकता है। विपक्ष की मांग है कि EVM की जगह बैलट पेपर लौटाया जाए या VVPAT सिस्टम को और पारदर्शी बनाया जाए। इस बीच, जनता के बीच भी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

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