सिवनी पुलिस की ‘खाकी लूट’ पर सत्ता-विपक्ष खामोश, करोड़ों की हवाला राशि लूटकांड में हाई प्रोफाइल ड्रामा, मगर कार्रवाई अब भी शून्य

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से निकलकर पूरे देश की पुलिस व्यवस्था को शर्मसार करने वाला एक हाईप्रोफाइल मामला सामने आया है। खाकी वर्दी पहने कुछ पुलिसकर्मी खुद लुटेरे बन गए और हवाला कारोबारी से करोड़ों रुपये लूट लिए। चौंकाने वाली बात ये है कि ये वारदात सिवनी नगर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर हुई, और वह भी एसडीओपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी में। मामले में अब तक 10 पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं, लेकिन जांच और कार्रवाई में अब भी गंभीरता नदारद है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस पूरे मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष-दोनों ने चुप्पी साध रखी है। सवाल यह है कि जब पुलिस खुद कानून तोड़ने लगे तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?

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  • सिवनी की ‘खाकी’ पर लगा लूट का दाग: सत्ता-विपक्ष की चुप्पी गूंज रही है

    सिवनी, संजय बघेल। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में घटित हुआ करोड़ों रुपये की हवाला राशि लूटकांड अब एक बड़ा सियासी और प्रशासनिक सवाल बन गया है। इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली, जांच की निष्पक्षता और राजनीतिक संरक्षण पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। 8 अक्टूबर की दरम्यानी रात एक हवाला कारोबारी की गाड़ी को सिवनी नगर से महज 5 किलोमीटर दूर रोका गया। खाकी वर्दी में मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने कारोबारी से जबरन रकम लूटी और आधा पैसा लेकर उसे छोड़ देने के आरोप पुलिस पर है।

    सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस वारदात में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। प्रारंभिक कार्रवाई के तहत बंडोल थाना प्रभारी अर्पित बैरम सहित 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। इसके बाद एसडीओपी पूजा पांडेय को भी निलंबित कर भोपाल मुख्यालय अटैच किया गया। मगर इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी जांच में अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।

    जांच में उलझन या पर्दा डालने की कोशिश?

    मामले की जांच की शुरुआत एएसपी दीपक मिश्रा के नेतृत्व में हुई थी, लेकिन उन्हें बीच में ही हटाकर जबलपुर से आए एएसपी आयुष गुप्ता (IPS) को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। मिश्रा को हटाए जाने के पीछे कारण स्पष्ट नहीं बताए गए, जिससे संदेह और गहरा गया। क्या विभाग को एएसपी दीपक मिश्रा की ईमानदारी पर शक था? या फिर यह मामला किसी बड़े अधिकारी तक पहुंच रहा था, जिससे बचाने के लिए जांच अधिकारी को बदला गया?

    सूत्रों की मानें तो हवाला कारोबारी ने खुद थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन घंटों मशक्कत के बाद एफआईआर दर्ज नहीं हुई। इस दौरान पुलिस अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बनी रही। अब तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि लूट के बाद कितनी रकम बरामद हुई, या पुलिसकर्मियों के पास से क्या-क्या मिला?

    व्हाट्सएप कॉल, कॉल डिटेल और इंटेलिजेंस की पड़ताल हुई या नहीं?

    मामले को लेकर कई गंभीर सवाल जनता के बीच तैर रहे हैं। इस पुरे प्रकरण में पुलिस ने कॉल रिकार्ड खंगाले? उस रत एसडीओपी पूजा पांडेय ने किससे बात की? व्हाट्सअप कॉल की जाँच हुई? यह टिप कहाँ से और किस पुलिस अधिकारी को मिली? लूट की रकम किस अधिकारी के पास थी या इसका बटवारा लुटेरी पुलिस ने कर लिया था? ऐसे कई सवाल के जवाब जनता जानना चाहती है।

    इतने सारे गंभीर सवाल हैं लेकिन पुलिस की तरफ से अब तक कोई ठोस खुलासा नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि हवाला कारोबारियों पर लखनवाड़ा थाना में गुपचुप तरीके से केस दर्ज किया गया है, लेकिन इसकी पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हुई है।

    सत्ता और विपक्ष दोनों मौन, क्यों?

    इस हाईप्रोफाइल लूटकांड में सबसे निराशाजनक पहलू यह है कि सत्ता और विपक्ष दोनों पूरी तरह से खामोश हैं। सत्ताधारी भाजपा की सांसद भारती पारधी और विधायक दिनेश राय इस पूरे मामले से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    लेकिन सत्ता पक्ष की ‘मजबूरी’ भले समझी जा सकती हो, विपक्ष का गूंगी गुड़िया बन जाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस लूटकांड पर न तो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की, न धरना-प्रदर्शन, न ही इनके सांसद विधायक और नेता प्रतिपक्ष ने आवाज उठाई। सवाल यह है कि जब विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएगा, तो जनता की आवाज कौन बनेगा?

    सिवनी का यह लूटकांड सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक और राजनीतिक नैतिकता की परीक्षा है। पुलिस महकमे में बैठे भ्रष्ट तत्वों को बचाने की कोशिश अगर की जा रही है तो यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी विफलता होगी। सवाल सिर्फ एक हवाला कारोबारी के पैसे का नहीं है, सवाल है कानून की साख, पुलिस की विश्वसनीयता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की जिम्मेदारी का। जिसमे सत्ता और विपक्ष दोनों को सजग रहना चाहिए।

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