बालाघाट, राष्ट्रबाण। 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मीयां तेज हो चुकी है, ऐसे में भाजपा और कांग्रेस बालाघाट में फतेह हासिल करने के लिये एडी चोटी का जोर लगा रही है। पिछले दो दशको से बालाघाट विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है, अगर इतिहास को खंगाला जाये तो बालाघाट सीट कांग्रेस का गढ हुआ करती थी। राजनैतिक सलाहकारो की माने तो कांग्रेस का गढ कही जाने वाली यह सीट कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के वजह से ” पंजे ” से ऐसी फिसली की आज भी जीत हासिल करने के लिये कांग्रेस अपनी जमीन या एक तरह से यह कहा जाये कि वो चेहरे ढूढने में लगी हुई है जो इस सीट पर कांग्रेंस का झंडा फहरा सके।
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सूत्रों की मानें तो बालाघाट की छ: विधानसभा की डोर लांजी विधायक हीना कावरे के हाथों में है। कयास यह भी लगाये जा रहे है कि हीना कावरें जिसे चाहेगी, वह उस सीट से चुनाव लडेगा और देखने में भी यही आया और पूर्व नगरपालिका की अध्यक्ष रही अनुंभा मुंजारे को कांग्रेस के चेहरे के तौर पर लाया गया। लेकिन कांग्रेस का यह दाव अब उलटा पडता नजर आ रही है,क्योकि अनुभा की कांग्रेस में एंट्री से कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध करते हुए गुटबाजी में नजर आ रहे है और कांग्रेस संगठन में यह गुटबाजी निंरतर बढती जा रही है।
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राजनैतिक जानकारो का मानना है कि कांग्रेस काफी पहले से गुटबाजी के दलदल में फंसी चुकी है, तो वही दूसरी ओर अनुभा मुंजारे के कांग्रेस संगठन में शामिल होते ही गुटबाजी का प्रतिशत बढ गया है। यह स्थिति कही ना कही कांग्रेस के लिये आगे चलकर घातक परिणाम दे सकती है। बता दे आलोक मिश्रा जब से कांग्रेस संगठन के बालाघाट जिले के प्रभारी बने हैं और आलोक मिश्रा व हीना कावरे के द्वारा जब से अनुंभा मुंजारे को कांग्रेस कमेटी में शामिल करवाया गया है तभी से बालाघाट जिले की कांग्रेस कमेटी में गुटबाजी बढ गई है। वर्षो से जो कार्यकर्ता कांग्रेस के सेनानी बनकर कार्य कर रहे थे, उनमें से कुछ चेहरे अब अनुभा के खिलाफ सुर मिलाते नजर आ रहे है।
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वर्तमान में वार्ड नंबर 28 में अनुभा मुंजारे, राजा सोनी व अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता नारी सम्मान योजना का फार्म भरवाने गये हुए थे, परंतु वार्ड के कांग्रेस कार्यकर्ता रामसिह भाटिया जो कि नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस से पार्षद का चुनाव लड चुके है व वार्ड प्रभारी भी है, उन्हे उनके ही वार्ड में कांग्रेस के कार्यक्रम में अनुभा मुंजारे के द्वारा ना बुलवाकर अनदेखी की गई। जिससे खफा होकर रामसिह भाटिया द्वारा कांग्रेस के सोशल मीडिया वाट्सएप गु्रप में अनुंभा मुंजारे और राजा सोनी को खरी खरी बात सुना दी गई और बात यहां तक बढ गई कि खुद की अव्हेलना को लेकर रामसिह भाटिया द्वारा स्तिफा देने की बात भी कह दी गई। इससे यह साफ प्रतित हो रहा है कि बालाघाट जिले के कांग्रेस संगठन व कार्यकर्ताओं में अनुभा मुंजारे को अभी भी कांग्रेस का नेता नही मानते। या यू कह सकते है कि जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता अनुभा मुंजारे, हीना कावरे और प्रभारी आलोक मिश्रा की रणनीति से संतुष्ठ नही है। आगामी चुनाव में यही गुटबाजी के चलते स्पष्ठ नजर आने लगा है कि कांग्रेस फिर से बालाघाट विधानसभा सीट हारने की तैयारी में लगी हुई है। या अनुभा मुंजारे को कांग्रेस प्रत्याशी का चेहरा बनाती है तो ऐसी गुटबाजी के चलते यह कहना गलत नही होगा कि कांग्रेस की हार मानो निश्चित है।
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एआईसीसी सचिव मध्य प्रदेश के सह प्रभारी संजय कपूर का आगमन 24/7/2023 को बालाघाट होने जा रहा है, उनके आने से पहले ही कार्यकर्त्ताओ मे गुटबाजी के चलते आक्रोश बना हुआ है, जानकारी मिल रही है की यह आक्रोश संजय कपूर के माध्यम से कमल नाथ जी तक पहुंचाने की कोशिश कार्यकर्ता करेंगे द्य कार्यकर्त्ताओ की नाराजगी को दूर कर हिना कावरे और अलोक मिश्रा किस तरह एकजुट कर जिले मे समंजयस बैठाने की कोशिश करेंगे।