सीएम हेमंत सोरेन को सर्वोच्च अदालत से मिली निराशा, कोर्ट ने कहा: यहां क्यों आए, हाई कोर्ट जाओ

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर दिए गए समन के मामले में सीएम हेमंत सोरेन को निराशा हाथ लगी है। दरअसल खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को सर्वोच्च अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद सोरेन ने अपनी याचिका वापस ले ली। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी ने कहा, ‘ऐसे केस हाई कोर्ट से आने चाहिए, सीधे नहीं है। आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए।?’ सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘मैं हाई कोर्ट जाना चाहता हूं लेकिन कानून के कुछ ऐसे ही सवाल इस कोर्ट में भी हैं।’ ईडी के समन पर रोक की मांग के अलावा सोरेन ने पीएमएलए ऐक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी है, जोकि ईडी को पूछताछ के दौरान बयान को संरक्षित करने, ट्रायल के दौरान इसके इस्तेमाल और झूठी सूचना देने पर आपराधिक प्रक्रिया चालने की शक्ति देता है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से समन भेजकर 23 सितंबर को उपस्थित होने को कहा है। इससे पहले ईडी ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को तीसरा समन भेज कर पूछताछ के लिए 9 सितंबर को हाजिर होने को कहा था। हालांकि मुख्यमंत्री सोरेन पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए और वह जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे। वहीं ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर समन पर रोक लगाने की मांग की। पूर्व में समन जारी किए जाने को भी मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं।

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