बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट राजनीति में गौरी भाऊ एक बड़ा नाम बताया जाता है जिसके सामने सभी राजनैतिक समीकरण बिगड़ जाते है। बताया जाता है की गौरीशंकर जिसे चाहे जिताते है और जिसे चाहे हराते है। यही वजह है की जो उनकी बाते नहीं मानता वह अपनी तानाशाही का शिकार उसे बना लेते है। लेकिन इस बार गौरीशंकर की तानाशाही राजनीति में नहीं बल्कि सरकारी जमीन में अवैध कब्ज़ा करने को लेकर देखने को मिल रही है।
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बता दें कि गौरीशंकर बिसेन 7 बार के विधायक है और 2 बार के सांसद है। ऐसे में उन्हें लोग पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिनते है, परन्तु इन्ही पदो में काबिज रहने के चलते गौरीशंकर बिसेन इतने मदमस्त हो चुके है कि इनके मन में जो कुछ लुभाता है, वो काम करने में पीछे नहीं रहते? चाहे फिर वह कार्य गलत हो या फिर नियम विरुद्ध क्यू ना हो?
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गौरीशंकर बिसेन के कुछ ऐसे कारनामे किये गए है,जो उन्हें तानाशाह बताते है जिनकी चहु ओर सिर्फ आलोचना हो रही है। दरअसल, गौरीशंकर बिसेन में अपने ओहदे का बड़ा घमंड है और उसका दुरुपयोग करने से वः नहीं चूकते। मामला बावनथड़ी कालोनी स्थित अपने “डी टाइप” शासकीय बँगले के बाजू की भूमि का है जहां गौरीशंकर बिसेन द्वारा जबरन कब्जा जमा लिया, जहाँ वे अपने राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित करवाते है। साथ हीं उस भूमि पर कब्जा करते हुए बॉउंड्रीवाल का निर्माण करवाकर सारे रास्ते बंद करवा दिए। जबकि उक्त भूमि पर कई हरे भरे पेड़ लगे हुए थे, जिन्हे जमीदोज करते हुए भाऊ ने पर्यावरण संरक्षण का बहुत गंदा सन्देश दिया है।
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विभागीय जानकारी के अनुसार इन्हे सिर्फ बावनथड़ी कालोनी स्थित “डी टाइप” शासकीय बँगला आबंटित हुआ है, उसके अलावा उन्हें ना तो किसी शासकीय भूमि को अधिग्रहण करने की अनुमति मिली है और ना हीं उक्त भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण किये जाने की अनुमति दीं गयी है और ना हीं विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य करवाया गया है। साथ हीं उन्हें विभाग ने किसी तरह के पेड काटवाने की अनुमति दीं है। लेकिन गौरीशंकर ने अपनी हिटलरशाही चलाते हुए हरे भरे पेड़ो की बलि चढ़ा दी। इससे साफ जाहिर होता है कि केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने सरेआम अपने पद और एप्रोच का दुरूपयोग किया है। वे सत्ता सुख में इतने मदमस्त है और तानाशाह हो चुके है। उन्हें अब नियम विरुद्ध गतिविधियां भी जायज लगती है, अब नियम कायदा कानून को रौंदना मंत्री बिसेन के लिए खेल बन गया है जिसे रोकने वाला शायद कोई नहीं है।