छिंदवाड़ा,राष्ट्रबाण। सर! हमें नाश्ते में सुबह मुरमुरा और रात के खाने में पोहा दिया जाता है। बस इसी तरह हम दिन काट रहे हैं। उक्त शिकायत एसडीएम कार्यालय पहुंचे लगभग 40 बच्चों ने एसडीएम से की। ये सभी बच्चे चौरई मुख्यालय से लगे ग्राम नवेगांव के अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास के थे। छात्रावास में अधीक्षिका का हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। छात्रावास के लगभग चालीस बच्चे उन्हे मुरमुरा और पोहा खिलाकर पेट भरने वाली अधीक्षिका की शिकायत लेकर शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। एसडीएम को ज्ञापन सौंपने आए छात्रावास के छात्र मीडिया को अपनी व्यथा बताते हुए। एसडीएम प्रभात मिश्रा से मिलकर बच्चों ने शिकायती पत्र देकर कहा कि छात्रावास की अधीक्षिका अनीता दाहिया उन्हे मुरमुरा और पोहा खाकर पेट भरने के लिए मजबूर करती हैं। इसका विरोध करने पर मैडम कहती हैं कि यही खाकर पेट भरो, यहां तुम्हारे घर से राशन नहीं आता।
कभी-कभी मिलने वाला भोजन भी घटिया
बच्चों ने बताया कि जब कभी भोजन मिलता है तो वह बेहद घटिया और स्वादहीन होता है। बासी सब्जियां इस्तेमाल की जाती हैं। खराब गुणवत्ता की दाल बनाई जाती है और ये बात किसी से न बोलने के लिए मैडम द्वारा बच्चों को डरा धमकाकर रखा जाता है।
भरी ठंड में निकाल दिया था बाहर!
बच्चों ने बताया कि मैडम ने एक सप्ताह पूर्व भीषण ठंड में बच्चों को छात्रावास से बाहर निकाल दिया था, बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। मैडम द्वारा बच्चों के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपशब्द कहे जाते हैं और अभद्रता की जाती है।
मंडल संयाजक ने दबाया मामला!
मैडम की हिटलरशाही वाली कार्यशैली से आक्रोशित बच्चों ने विभाग के मंडल संयोजक से भी पूरी जानकारी देकर शिकायत की थी पर ‘दक्षिणा’ के खेल के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई। मामला दबा दिया गया। अब परेशान बच्चों ने ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम से शिकायत की है।