झारखंड, राष्ट्रबाण। झारखंड के बोकारो जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर पिछले 10 दिनों से लापता युवक की निर्मम हत्या कर दी गई,वहीं युवक के शरीर से उसकी किडनी एवं आंखे निकालकर उसका शव झाड़ियों में फेंक दिया गया। बताया जा रहा है कि युवक 5 अगस्त से लापता था। घटना के बाद से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं घटना के विरोध में कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर पथराव भी किया गया। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। जानकारी के अनुसार बालीडीह पुलिस ने कोराडीह और वसुधा इंडस्ट्रीज के बीच तालाब के किनारे झाड़ी से 18 वर्षीय युवक का शव बरामद किया। घटना के बाद लोगों ने आरोपी को घर से निकालकर पेड़ से बांधकर पिटाई की। बीच-बचाव करने आई पुलिस पर भी पथराव किया। एसपी ने कहा कि मानव अंग तस्करी की जांच होगी। परिजनों ने स्थानीय थाने में पांच अगस्त को युवक के लापता होने की शिकायत की थी, आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जबकि परिजनों का आरोप है कि 5 अगस्त को मृतक को राजमिस्त्री श्रवण दास उसे काम दिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया। इस बीच जब युवक के परिजन श्रवण से बेटे के बारे में पूछते, तो जवाब मिलता कि उनका बेटा एक-दो दिन में आ जाएगा। इस बीच रविवार की सुबह तालाब के किनारे शव मिलने के बाद परिजन और केबिन टोले के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। युवक की आंखें व किडनी गायब होने की बात सामने आई, तो भीड़ आक्रोशित हो गई। एसपी प्रियदर्शी आलोक ने पीड़ित परिवार से बात कर जानकारी ली। पूरे मामले में जांच कर फास्ट ट्रैक कोर्ट से आरोपी को सजा दिलाने का आश्वासन दिया।
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आरोपी पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, मार मारकर किया अधमरा
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दरअसल काम दिलाने के नाम पर जिस आरोपी राजमिस्त्री ने मृतक को अपने साथ लेकर गया था उस पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और घटना की जानकारी मिलने पर केबिन टोले की आक्रोशित भीड़ राजमिस्त्री श्रवण दास के घर पहुंची। उसे खींचकर घर से बाहर निकाला। इसके बाद उसे पेड़ से बांध दिया। फिर उसके साथ जमकर मारपीट शुरू कर दी। मारपीट से श्रवण अधमरा होकर गिर पड़ा। बेहोशी की हालत में भारी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे भीड़ से निकालकर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया पथराव
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दरअसल जब पुलिस को सूचना मिली कि ग्रामीण आरोपी को मार रहे हैं तो आरोपी को छुड़ाने पहुंची पुलिस को भीड़ के आक्रोश का सामना करना पड़ा। भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। युवक पांच अगस्त की रात से लापता था। मृतक की मां शांति देवी ने कहा कि अपने स्तर से खोजबीन के बाद चार दिन पहले बेटे के गुम होने की बालीडीह थाने में सूचना दी थी, परंतु पुलिस ने गुमशुदगी मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। कहा कि अगर गुमशुदगी मामले को पुलिस संजीदगी से लेती और राजमिस्त्री से कड़ाई से पूछताछ करती तो संभवत बेटे की निर्मम हत्या नहीं होती।