बालाघाट, राष्ट्रबाण । (Balaghat) हम सभी खासकर बुद्धिजीवी वर्ग यह जानते हैं और मानते भी हैं कि पेड़ों को काटने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जिसकी वजह से जैव विविधता की स्थिति लगातार खराब होते जा रही है, बावजूद खमरिया में बन रहे विद्युत सब स्टेशन के लिए लालबर्रा से खमरिया तक वारासिवनी रोड़ पर विद्युत ठेकेदार द्वारा लाइन बिछाने के लिए पेड़ों की छटाई के साथ-साथ बेवजह ही बड़े-बड़े वृक्षों को जड़ से काट डाला है और विद्युत लाइन की आड़ में इन वर्षों से प्राप्त होने वाली बेस कीमती लकड़ियों को बेच भी दिया, बावजूद हैरान करने वाली बात है कि संबंधित विभाग एमपी आरडीसी और राजस्व विभाग के आला अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही उनसे कोई जवाब मांगा गया। इसके बाद एक जागरूक नागरिक द्वारा कलेक्टर से गुहार लगाई गई तब जाकर स्थानीय तहसीलदार द्वारा मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कनिष्ठ अभियंता को कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त ज्ञापन का संदर्भ देते हुए वृक्ष कटाई मामले में अविलंब जवाब प्रस्तुत करने कहा गया, किंतु उनके द्वारा जवाब प्रस्तुत न करते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर यूनिवर्सल कंपनी लिमिटेड बालाघाट को अपना प्रतिवेदन कार्यालय में प्रस्तुत करने कहा गया है ताकि उनके द्वारा उच्च अधिकारी को जानकारी प्रदान की जा सके। इस सारे घटनाक्रम को लगभग डेढ़ माह होने को आए लेकिन ठेकेदार और संबंधित विभाग विद्युत मंडल के कनिष्ठ अभियंता द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए आज दिनांक तक प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिससे किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अब तक ठेकेदार पर नहीं हो पाई है, वहीं इस संबंध में सहायक अभियंता से उनका पक्ष जानना चाहा गया तो उन्होंने कहा कि ठेकेदार का कुछ नहीं होगा जहां उनके द्वारा वृक्ष काटे गए हैं उस स्थान पर एक विशालकाय वृक्ष के बदले दो पौधे लगा दिए जाएंगे बस और इससे ज्यादा क्या होगा ? सहायक अभियंता द्वारा इतना लाइट ली कहना कि एक बड़े वृक्ष के स्थान पर दो छोटे पौधे लगा दिए जाएंगे, ऐसा बेतुका बयान सुनकर तो लोग अपनी- अपनी जरूरत बताकर हजारों वृक्षों को काट डालेंगे और एक वृक्ष के स्थान पर दो छोटे पौधे लगा देंगे। एक अधिकारी द्वारा दिया गया ऐसा बयान वाकई में शर्मनाक है। हालांकि की इस मामले पर मृणाल मीणा कलेक्टर बालाघाट ने संज्ञान लेकर कार्यवाही की बात कही है।