बालाघाट, राष्ट्रबाण। मध्यप्रदेश शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे भले ही अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास की ढींगे हांकते हो, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है की उनकी विधान सभा क्षेत्र के लोग सुगम सफर के लिए अच्छी सड़क, पुल और गरीब हितग्राही आवास के लिए तरस रहे है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां दो वर्षो से आवास को तरस रही महिला शासन और सरकार में बैठे मंत्री से एक मकान निर्माण की गुहार लगाती रही लेकिन फोटोबाज मंत्री के कानो में जूं तक नहीं रेंगी और सिस्टम से हारकर आज गरीब लाडली बहन ने अपनी सांसो को पूर्ण विराम लगा दिया।
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मामला परसवाड़ा विधानसभा के हट्टा थाना अंतर्गत ग्राम चिखला का है जहां एक बेसहारा महिला ने आवास न मिलने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। घटना दिनांक 8 अक्टूबर 2023 की है जहां एक बेसहारा महिला ने शासन, प्रशासन से परेशान होकर आत्म हत्या कर ली । ग्राम चिखला, विकासखंड किरनापुर में एक गरीब, विधवा और बेसहारा महिला उर्मिला डोंगरे का मकान दो वर्ष पहले बारिश मे मकान गिर गया था, जिसके बाद से महिला लगातार दो साल तक शासन से आवास की मांग करते रही लेकिन शासन प्रशासन से कोई सहयोग नही मिला।
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बताया जाता है कि परेशान महिला ने जनपद सीईओ, कलेक्टर बालाघाट, सी एम हेल्पलाइन, जनसुनवाई, विधायक एवं मंत्री सहित सभी के पास जा कर मकान के लिए गुहार लगाई लेकिन अबला को किसी से कोई मदद नही मिली और वह लचर और पंगु सिस्टम से हताश हो गई। जब महिला का मकान इस साल बारिश मे पूरी तरह ध्वस्त हो गया और महिला खुले आसमान के नीचे रहने मजबूर हो गई थी, वर्तमान मे सामाजिक लोगो की मदद से महिला सामुदायिक भवन मे रह रही थी।
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महिला ने अपने आवास के लिए बहुत कोशिश की लेकिन ‘शिव सरकार’ के पंगु सिस्टम से उसे निराशा हाथ लगी तो पीड़ित महिला ने हार मान कर मौत को गले लगाना मुनासिब समझा। जानकारी के मुताबिक लैबर इंस्पेक्टर वंदना उइके ने भी अपने पद का दुरुपयोग करके विवाह सहायता से पीड़िता को अपात्र कर दिया था जिससे वह तनाव में थी और इसी के चलते महिला ने खुद को करेंट लगा कर आत्म हत्त्या कर ली। परिवारजनो के अनुसार ये आत्म हत्या नही बल्कि शासन और प्रशासन द्वारा की गई हत्या है, जिसके जिम्मेदार परिवार वाले कलेक्टर गिरीश मिश्रा, वंदना उईके और मंत्री को मानते है।
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शिव ‘राज’ में लाडली बहाना का दुर्भाग्य
एक तरफ प्रदेश के सूबेदार रोज मंचो से लाडली बहाना के लिए सौगातो का पिटारा खोल रहे है तो दूसरी तरफ प्रदेश के बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा (जो की मंत्री रामकिशोर कावरे का क्षेत्र है) के ग्राम चिखला में एक महिला को दो वर्षो में एक मकान का लाभ नहीं दे सके। प्रशासन में बैठे आलाधिकारी और सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि भी सिर्फ अपनी चेहरा चमकाउ राजनीती में मशगूल रहे। दो वर्षो से सरकार और सिस्टम से अपने लिए आवास की मांग करने वाली महिला की जिंदगी आज हार गई। हम रोजाना देखते है की सरकार का नेतृत्व करने वाले नेता मंचो से ढींगे हांकते है की भाजपा सरकार गरीबों की सरकार है लेकिन यह घटना सरकार की कथनी और करनी से पर्दा उठाती है।