बालाघाट, राष्ट्रबाण। कहते है विकास अपने साथ विनाश भी लाता है। यह बात इन दिनों मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के रजेगांव में निवास करने वाले कुछ निवासियों के लिए सत्य प्रतीत होता है। ज्ञात हो कि रजेगांव में आगामी समय पर फोरलेन सड़क का निर्माण होना है। जिसमे सड़क से सटकर बसे दर्जनों परिवार के आशियाने हटाए जाने है, अपनी समस्या को लेकर पीड़ित परिवारों ने परसवाड़ा विधानसभा विधायक व प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे से मुलाकात कर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने मंत्री को अपना दुखड़ा बताते हुए इस समस्या से राहत दिलवाने की मांग की है। पीड़ितों की समस्या पर मंत्री रामकिशोर कांवरे ने सभी परिवारों को हरसंभव मदद दिलवाने का आश्वासन देते हुए कहा कि मैं जल्द ही इस मामले में कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों से बात कर समाधान कर आप सभी का सहयोग करूंगा।
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दरअसल गोंदिया से लालबर्रा होते हुए बनने वाले फोरलेन निर्माण कार्य में जिन कृषकों व भु स्वामियों के मकान ,जमीन आ रही है उन प्रभावित लोगों को मुआवजा राशि चेक के रूप में देने का काम विभाग द्वारा शुरू कर दिया गया है। ऐसे में इंदिरा आवास में रोड़ से सटकर बने दर्जनों परिवार के नाम तो शासन के अनेक पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं लेकिन मुआवजा व विस्थापन को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने के चलते पीड़ित परिवार डरें व असहज महसूस कर रहे हैं। इस संबंध में मंत्री रामकिशोर कांवरे (Ramkishor Kavre) से अपनी तकलीफ बताते हुए लगभग 80 साल की येनुबाई रोते हुए कहती हैं कि हमनें अपनी जिंदगी मेहनत मजदूरी करते हुए बिताई है और अपनी सारी जमा-पूंजी घर बनाने में लगा दी। मेरा पति और बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, नाति बाहर कमाने गया है। ऐसे में मकान जाने के बाद मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। तो वहीं छबीकला बाईं रोते हुए कहती हैं कि मेरे जवान बेटे बेटी की शादी करना हैं मैं बाहर काम करके मुश्किलों के बीच परिवार का भरण पोषण कर रही हुं, अब ऐसे में सरकार हमें रोड़ में ला देगी तो हमारा क्या होगा। इन सब समस्याओं पर मंत्री रामकिशोर कांवरे ने पीड़ित परिवारों को सही विस्थापन के लिए सरपंच व सचिव को निर्देश दिया है कि वे जल्द ही पंचायत की खाली सरकारी ज़मीन को चिन्हित कर लेवें जिससे विस्थापन के समय पीड़ित परिवारों को उस स्थान पर बसाया जा सकें।
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सालों पहले शासन प्रशासन ने नियमानुसार बैठाया परिवारों को
शासन प्रशासन ने अपनी पालिसी के तहत जगह जगह बेघर परिवारों को प्रचलित आबादी की जगह बसाती है जिन परिवारों को बसाया जाता है उन्हें विधिवत तहसीलदार व पंचायत का पट्टा आवंटित किया जाता है ऐसे में बिना उचित व्यवस्था बनाएं परिवारों को हटाने की जानकारी देना पीड़ित परिवारों के लिए किसी सदमे से कम नहीं हैं।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना कैसे होगी फलीभूत?
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और प्रदेश के सूबेदार शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) गरीब परिवार जिनके पास ज़मीन नहीं है उन्हें ज़मीन की व्यवस्था करने और पक्का मकान बनाने प्रधान मंत्री आवास योजना से हितग्राहियों को लाभ दिलाने वचनबध्य है वही दूसरी तरफ गरीब परिवारों के आशियाने तोड़ कर विकास पथ का निर्माण किया जा रहा है। प्रधान मंत्री की पीएम आवास योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना द्वारा हर परिवार को स्वयं का घर देने का लक्ष्य भाजपा सरकार द्वारा रखा गया है। जिसमें हर बेघर परिवारों को खुद का घर बनाने योजनाएं चलाई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ अनेकों घरो को फोरलेन सड़क निर्माण के लिए चिन्हित कर हटाया जा रहा है। उन परिवारों को वर्तमान में शासन प्रशासन का विस्थापन में सहयोग ना करना प्रधानमंत्री की योजना में पानी फेरने जैसा दिखाई दे रहा है