बलिया, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक दर्दनाक घटना ने सबको सन्न कर दिया। एक सरकारी स्कूल के 57 वर्षीय प्रधानाध्यापक को बाइक सवार बदमाशों ने सोने की चेन लूटने के प्रयास में गोली मार दी। हादसे में एक महिला शिक्षिका भी घायल हो गई। पीड़ित की मौत हो गई, जबकि घायल शिक्षिका का इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी है।
चेन लूटने के चक्कर में हत्या का प्लान
पुलिस के अनुसार, मंगलवार शाम को देवेंद्र यादव नामक प्रधानाध्यापक देवरिया जिले के एक सरकारी स्कूल से क्लस्टर मीटिंग में हिस्सा लेकर सहायक शिक्षिका कंचन सिंह के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे। साहूनपुर गांव के पास पहुंचते ही तीन बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। बदमाशों ने यादव की गले में पहनी सोने की चेन छीनने की कोशिश की। विरोध करने पर गुस्साए बदमाशों ने गोली चला दी। यादव को गंभीर चोट लगी, जबकि कंचन सिंह को भी गोली लगी। हमलावरों ने वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए।
अस्पताल ले जाते समय तोड़ दिया दम
दोनों घायलों को पहले सीयर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यादव की हालत बिगड़ने पर उन्हें बलिया, फिर मऊ और अंत में वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। रास्ते में ही उनकी सांसें थम गईं। कंचन सिंह का इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। परिवार और सहकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई है। यादव एक अनुभवी शिक्षक थे और इलाके में उनका सम्मान था।
पुलिस ने गठित की चार टीमें
बलिया के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए चार विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं। इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। एसपी ने कहा कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस से त्वरित न्याय की मांग की है।
इलाके में बढ़ रही अपराध की घटनाएं
यह घटना बलिया में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। हाल के दिनों में चेन स्नैचिंग और लूटपाट के मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। प्रशासन ने प्रभावित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इस हादसे ने शिक्षा जगत को भी झकझोर दिया है, जहां शिक्षकों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
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