नई दिल्ली (New Delhi), राष्ट्रबाण। दुनिया के कई देश इन दिनों खतरनाक मंकीपॉक्स संक्रमण (Monkeypox infection) की चपेट में हैं। कई अफ्रीकी देशों में बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। अब इस रोग के मामले एशियाई देशों में भी देखे जा रहे हैं।
पाकिस्तान में पुष्टि
हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी देश पाकिस्तान में एमपॉक्स के तीन रोगियों की पुष्टि की गई है। पाकिस्तान में इस साल पहली बार संक्रमण के केस सामने आए हैं। गुरुवार को इस साल में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया था, जिसके बाद नेशनल कमांड एवं ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने इस रोग से निपटने के उपायों पर परामर्श जारी किया था। शुक्रवार को दो और रोगियों की पुष्टि की गई है। इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान में तीन लोगों में संक्रमण के मामले सामने आए थे।
स्वीडन में भी बढ़े मरीज
पाकिस्तान (Pakistan) के अलावा स्वीडन (Sweden) में भी गुरुवार को संक्रमण का पहला केस दर्ज किया गया है। कई देशों में बढ़ते एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए चीन सरकार भी अलर्ट हो गई है। चीनी कस्टम प्रशासन की ओर से बयान जारी करके बताया गया है कि अगले छह महीनों तक देश में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों में एमपॉक्स की निगरानी की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले साल चीन में मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले बढ़े थे, जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जाहिर की थी।
कई देशों में बढ़ रहे हैं मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के अनुसार इस साल अब तक अफ्रीकी देशों में 14,000 से ज्यादा मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। इनमें से 96% से ज्यादा मामले और मौतें अकेले कांगो में हुई हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्व स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के अगले ही दिन स्वीडन में पहला मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति ने हाल ही में अफ्रीका की यात्रा की थी और स्टॉकहोम लौटने पर उसमें संक्रमण की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को एमपॉक्स के खतरे को लेकर सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया अलर्ट
अफ्रीका (Africa) सहित कई देशों में बढ़ते संक्रामक रोग के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने कहा, मंकीपॉक्स का खतरा अब अफ्रीका के बाहर बढ़ता हुआ भी देखा जा रहा है। कांगों में इस खतरनाक संक्रमण के कारण सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। हम स्वीडन और अन्य देशों के साथ चर्चा कर रहा है कि इन मामलों को किस तरह से प्रबंधित किया जा सकता है। आने वाले हफ्तों में यात्रा से संबंधित मामलों के और बढ़ने की आशंका है। सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है, हालांकि यात्रा को प्रतिबंधित करना या सीमा बंद करने की आवश्यकता नहीं है।
डब्ल्यूएचओ चिंतित, कहा-एकजुट होने का वक्त
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Director-General Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि स्वीडन में पहले एम-पॉक्स क्लेड 1बी संक्रमण की पहचान की गई है। वायरस से मिलकर निपटने की आवश्यकता है। हम सभी देशों को निगरानी बढ़ाने, डेटा साझा करने, संक्रमण को बेहतर ढंग से समझने और प्रबंधिक करने के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
भारत को भी सावधान रहने की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर भारत को भी सावधान हो जाने की जरूरत है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में संक्रमण रिपोर्ट किए जाने के बाद खतरा और भी बढ़ गया है। कोरोना के दौरान जुलाई 2022 में भारत में पहली बार मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2023 में जुलाई के अंत तक, देश में मंकीपॉक्स बीमारी के कुल 27 मामले सामने आए, जिनमें केरल से 12 मामले थे। इस साल अब तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।
कैसे फैलता है ये संक्रामक रोग?
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स एक अति संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर बड़े-बड़े छाले होने का साथ लिम्फ नोड्स में सूजन और बुखार की समस्या हो सकती है। संक्रमित जानवर या वायरस से संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से एमपॉक्स फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के घाव, खांसने-छीकनें से निकलने वाली ड्रॉपलेट्ल या अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण हो सकता है।