भोपाल, राष्ट्रबाण। कल सुबह 11 बजे शिवराज कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। खाली पदों के हिसाब से मंत्रिमंडल में चार नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला और बालाघाट से विधायक व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का नाम लगभग माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो अन्य चेहरों पर भी विचार मंथन चल रहा है।
बता दें कि इस समय मुख्यमंत्री के साथ 30 मंत्री हैं। जबकि मुख्यमंत्री समेत कुल पद 35 हैं। इस हिसाब से चार पद खाली हैं। ऐसे में चार नए चेहरे मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं। मख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को रात 8 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही अटकलें तेज हो गई हैं।
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को कैबिनेट विस्तार का विशेष अधिकार है। मुख्यमंत्री कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। मंत्रिमंडल को लेकर जो भी होगा जल्द सामने आ जाएगा।
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क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश
भाजपा कैबिनेट विस्तार के जरिए विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत समीकरण के साथ क्षेत्रीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश करेगी। विंध्य से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला लगभग तय हैं। वहीं महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन का नाम है। लोधी समाज के साधने के लिए जालम सिंह पटेल या राहुल लोधी को शामिल किया जा सकता है।
इधर, गौरीशंकर बिसेन के घर पर समर्थन को जुटाना शुरू हो गया है। समर्थक गुलदस्ता लेकर पहुंच रहे हैं। लल्लूराम से बात करते हुए गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि इंतजार करिए सब कुछ अच्छा होगा। पार्टी को मजबूत अब और अच्छे तरीके से करेंगे।कैबिनेट विस्तार में देरी होने पर बिसेन ने कहा कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को नहीं मिला।
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कौन हैं राजेंद्र शुक्ला?
राजेंद्र शुक्ला का जन्म रीवा में 1964 को हुआ था। वो 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। फिर उन्होंने 2003 में विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हुए। राजेन्द्र शुक्ल साल 2008 और 2013 में फिर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। 2013 में केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ भी ली थी। 2018 में भी उन्होंने जीत हासिक की।
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कौन हैं गौरीशंकर बिसेन?
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन का जन्म 01 जनवरी 1952 को बालाघाट में हुआ था। सात बार विधायक और दो बार सांसद का चुनाव जीता हैं। अभी वो पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं। पहली बार 1985 में गौरीशंकर बिसेन बालाघाट विधानसभा से विधायक चुने गए। 1990 में फिर से निर्वाचित हुए। 1993 उन्होंने बालाघाट से लगातार तीसरी जीत दर्ज की। 1998 में उनकी पत्नी रेखा गौरीशंकर बिसेन चुनाव लड़ी और हार गईं। जबकि गौरीशंकर बालाघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 12 वें लोकसभा सदस्य चुने गए। 2003 में गौरीशंकर बिसेन ने फिर से अपनी सीट पर वापसी की और जीत हासिल की। 2008, 2013, 2018 में भी वो विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए।