भूटान के पीएम शेरिंग टोबगे ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन, भव्य स्वागत के साथ कड़ी सुरक्षा

Rahul Maurya

    अयोध्या, राष्ट्रबाण: भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे शुक्रवार सुबह अयोध्या पहुँचे, जहाँ उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन किए। यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की रही, जो भारत और भूटान के गहरे रिश्तों को दर्शाती है।

    महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका रेड कार्पेट स्वागत हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। टोबगे के इस दौरे की निगरानी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय से की जा रही है, और सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।

    भव्य स्वागत और मंदिर दर्शन

    शेरिंग टोबगे का विशेष विमान सुबह 9:30 बजे अयोध्या हवाई अड्डे पर उतरा। यहाँ से उनका काफिला प्रयागराज और लखनऊ-गोरखपुर हाईवे से होते हुए श्री राम जन्मभूमि मंदिर पहुँचा। मंदिर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी उनकी अगवानी करेंगे। टोबगे ने रामलला, राम दरबार, और कुबेर तीला के कुबेरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की।

    इसके बाद वे हनुमानगढ़ी और अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन के लिए गए। अयोध्या के एक स्थानीय पुजारी, पंडित रमेश तिवारी ने कहा, “भूटान के पीएम का यहाँ आना हमारे लिए गर्व की बात है। यह अयोध्या के वैश्विक महत्व को दर्शाता है।”

    कड़ी सुरक्षा और विशेष भोज

    टोबगे की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। पीएसी, सीआरपीएफ, एसएसएफ, सिविल पुलिस, एटीएस, और एसटीएफ की टीमें तैनात थीं। हाईवे पर एक लेन को उनके काफिले के लिए बंद रखा गया। जिला मजिस्ट्रेट निखिल टी. फुंडे और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मंदिर परिसर में सुरक्षा का जायजा लिया।

    डीएम फुंडे ने बताया, “सुरक्षा व्यवस्था फूलप्रूफ है। सामान्य भक्तों के दर्शन में कोई रुकावट नहीं होगी।” टोबगे के सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन किया गया, जिसमें यूपी और केंद्र सरकार के कई मंत्री शामिल हुए।

    भारत-भूटान के रिश्तों का प्रतीक

    टोबगे की यह यात्रा भारत और भूटान के बीच गहरे सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करती है। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भी फरवरी में मथुरा-वृंदावन आए थे, जिससे दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बल मिला।

    टोबगे 3 से 6 सितंबर तक भारत दौरे पर हैं, जिसमें वे गया और नई दिल्ली भी जाएँगे। वहाँ विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग और साझेदारी को और गहरा करेगा।

    अयोध्या का बढ़ता वैश्विक महत्व

    अयोध्या का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अब वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से यहाँ विदेशी मेहमानों और नेताओं का आना बढ़ा है। टोबगे का यह दौरा न केवल धार्मिक है, बल्कि यह भारत-भूटान के सांस्कृतिक बंधन को भी रेखांकित करता है।

    टोबगे का यह दौरा लगभग चार घंटे का होगा। दोपहर 1:30 बजे वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। अयोध्या प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि भक्तों को दर्शन में कोई असुविधा न हो। क्या अयोध्या और भूटान के बीच यह यात्रा नए सांस्कृतिक और कूटनीतिक आयाम खोलेगी? यह समय बताएगा।

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